Bihar Vidhansabha Vhunav 2025 : बिहार के इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान में पुरुष से आगे महिलाएं, फिर भी 30 सालों से महिला नहीं विधायक...
Bihar Vidhansabha Vhunav 2025 : बिहार के इस विधानसभा क्षेत्र में 30 सालों से महिला विधायक का इन्तजार है. जबकि म्त्त्दान में यहाँ की महिलाएं पुरुषों से आगे हैं......पढ़िए आगे
ARARIA : अररिया जिले की रानीगंज विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में एक खास जगह रखती है। यह सीट 1962 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और यहां की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। यह एकमात्र आरक्षित सीट है जहाँ 1995 के बाद से कोई महिला विधायक नहीं बनी, जबकि वोटिंग में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से ज़्यादा रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रानीगंज निर्वाचन क्षेत्र में 3,36,020 मतदाता थे। इनमें से 1,74,590 पुरुष और 1,61,414 महिला मतदाता थे। निर्वाचन क्षेत्र में 486 डाक मत (153 वैध) थे. 2020 में रानीगंज में सेवा मतदाताओं की संख्या 84 (सभी पुरुष) थी। निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों की संख्या 1,80,063 रही जो कुल मतों का 56.98% रहा, जिनमें महिला: 86,565 और पुरुष: 74,238 रहे।
शांति देवी: रानीगंज की पहली महिला विधायक और मंत्री
रानीगंज विधानसभा के इतिहास में अब तक कुल 16 चुनाव हुए हैं, जिनमें से केवल दो बार, 1990 और 1995 में, एक महिला प्रत्याशी ने लगातार जीत हासिल की। यह गौरव शांति देवी को मिला, जो न सिर्फ विधायक बनीं बल्कि बिहार सरकार में मंत्री का पद भी संभाला। शांति देवी अनुसूचित जाति (पासवान) से आती हैं और रानीगंज के हिंगुवा गांव की रहने वाली हैं। 1990 में शांति देवी ने जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता और उन्हें बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया। 1995 में अपनी लोकप्रियता के कारण उन्होंने दूसरी बार जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की। इसके बाद, जनता दल में विभाजन हुआ और आरजेडी व जदयू जैसी नई पार्टियाँ बनीं।
पुरुषों का वर्चस्व: 1995 के बाद का दौर
शांति देवी के बाद, कई महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन कोई भी चुनाव नहीं जीत सकी। तब से लेकर अब तक, रानीगंज में पुरुष प्रत्याशी ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। 2000 में आरजेडी के यमुना प्रसाद राम विजयी हुए, जबकि भाजपा के रामजी दास ऋषिदेव दूसरे स्थान पर रहे। 2005 (फरवरी) में भाजपा के परमानंद ऋषिदेव ने जीत हासिल की और शांति देवी तीसरे स्थान पर रहीं। 2005 (अक्टूबर) में बिहार में स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण नौ महीने बाद फिर से चुनाव हुए। इस बार भाजपा के रामजी दास ऋषिदेव ने जीत हासिल की, और शांति देवी दूसरे स्थान पर रहीं।
जातिगत समीकरण: रानीगंज का चुनावी गणित
रानीगंज विधानसभा में जातिगत समीकरणों का गहरा प्रभाव रहा है। अब तक हुए 16 चुनावों में पासवान 6 बार, मुसहर 5 बार, मोची 3 बार, धोबी 2 बार, लाला 1 बार और धानुक 1 बार जीत दर्ज की है। यह इतिहास दर्शाता है कि रानीगंज की राजनीति में शांति देवी का दौर महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय था, जिसके बाद यह सीट पुरुष-प्रधान हो गई। यह स्थिति तब और भी विचारणीय हो जाती है जब यहाँ की महिलाएँ मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।