Bihar Airport: रक्सौल में बनेगा बिहार का आठवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट, कई जिलों में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने की तैयारी तेज

Bihar Airport: बिहार में हवाई सेवाओं के विस्तार का खाका तेजी से आकार ले रहा है। सरकार ने रक्सौल में राज्य का आठवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित करने की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से आगे बढ़ा दिया है।...

रक्सौल में बनेगा बिहार का आठवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट- फोटो : social Media

Bihar Airport: बिहार में हवाई सेवाओं के विस्तार का खाका तेजी से आकार ले रहा है। सरकार ने रक्सौल में राज्य का आठवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित करने की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से आगे बढ़ा दिया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट निर्माण के लिए 207 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 139 एकड़ जमीन का अधिग्रहण जल्द ही किया जाएगा। अगले माह से रैयतों के बीच मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जबकि रक्सौल एयरपोर्ट के पास पहले से ही 100 एकड़ से अधिक भूमि उपलब्ध है। प्रस्तावित एयरपोर्ट का निर्माण दरभंगा और पूर्णिया मॉडल पर किया जाएगा, जिसमें रनवे की लंबाई 2740 मीटर निर्धारित की गई है, ताकि बड़े विमानों का संचालन सुचारू रूप से हो सके।

राज्य सरकार के मुताबिक बिहार के कई जिलों में हवाई कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करने के लिए छोटे एयरपोर्ट के निर्माण का रोडमैप भी तैयार किया गया है। मुजफ्फरपुर, सहरसा, वाल्मीकि नगर और वीरपुर में छोटे एयरपोर्ट विकसित किए जाने हैं। मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट के लिए निविदा जारी कर दी गई है, जबकि वीरपुर और सहरसा में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होने जा रही है। वीरपुर में 95 एकड़ जमीन के अधिग्रहण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से पांच एकड़ जमीन जिला परिषद की है, जिसके लिए ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ जारी हो चुका है। कैबिनेट से पंचायती राज विभाग द्वारा जमीन का हस्तांतरण लंबित है। वीरपुर एयरपोर्ट के पास भी लगभग 100 एकड़ जमीन पहले से उपलब्ध मानी जा रही है।

इसके अलावा राज्य में दो ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भागलपुर और नालंदा के निर्माण की भी योजना है। भागलपुर में सुल्तानगंज और नालंदा में राजगीर को निर्माण स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण  इन दोनों स्थानों का सर्वे कर चुका है। जमीन अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार मुआवजा राशि जारी कर चुकी है और जल्द ही दोनों जगहों पर अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ होगी।

बिहार में फिलहाल 25 एयरपोर्ट और हवाई पट्टियां मौजूद हैं, जिनमें से आठ बड़े एयरपोर्ट हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी एयरपोर्ट को उड़ान  योजना में शामिल कराया जाए, जिससे इनके विकास और रखरखाव की जिम्मेदारी केंद्र सरकार संभाल सके। हालांकि जहां भी जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता होगी, उसका पूरा खर्च राज्य सरकार को ही वहन करना होगा। सरकार लगातार पत्राचार कर बिहार के अधिकतर एयरपोर्ट को उड़ान योजना में शामिल कराने की दिशा में काम कर रही है, ताकि राज्य में हवाई परिवहन का नया दौर शुरू हो सके।