Bhagalpur News: बम बम होंगे जमीन मालिक, विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के जमीन के लिए 87.99 करोड़ रुपये स्वीकृत,जीवंत होगा एक और प्राचीन विश्वविद्यालय
Bhagalpur News: विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी चल रही है..

विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी चल रही है और इसे पूरा होने में कम से कम चार महीने का समय लगने की संभावना है। इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें गजट प्रकाशन, दावा-आपत्ति निपटान, मुआवजा निर्धारण, और सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन शामिल हैं।गजट प्रकाशन के बाद जमीन मालिकों (रैयतों) से दावा-आपत्ति मांगी जाएगी। इसके लिए दो महीने का समय निर्धारित किया गया है।दावा-आपत्तियों के निपटारे में 15 दिन का अतिरिक्त समय लगेगा। यह कार्य जिला भू-अर्जन विभाग द्वारा किया जाएगा.
जमीन की कीमत तय करने के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति स्थल का दौरा करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।मुआवजे की राशि पहले ही स्वीकृत कर दी गई है। अंतीचक मौजा में 88 एकड़ 99 डिसमिल और मलकपुर मौजा में 116 एकड़ 50 डिसमिल जमीन चिह्नित की गई है। इन दोनों स्थानों पर कुल ₹87.99 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.
भूमि अधिग्रहण से जुड़े सामाजिक लागत और फायदों का आकलन किया जा रहा है। इसके तहत प्रभावित लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव को समझा जाएगा।इस प्रक्रिया के बाद तकनीकी विशेषज्ञ समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।गजट प्रकाशन से लेकर सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने में कम से कम चार महीने लगेंगे।यदि कोई अप्रत्याशित बाधा नहीं आती, तो यह प्रक्रिया वर्ष 2025 के मध्य तक पूरी हो सकती है।चूंकि निर्माण कार्य में अभी समय लगेगा, प्रशासन ने अस्थायी कैंपस से शैक्षणिक सत्र शुरू करने पर विचार किया है। भागलपुर प्रशासन ने कुछ निजी भवनों को चिह्नित किया है जहाँ प्रारंभिक कक्षाएं संचालित हो सकती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय परियोजना को विशेष प्राथमिकता दी है। यह प्रोजेक्ट बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले गति पकड़ चुका है। प्रधानमंत्री ने फरवरी 2025 में घोषणा करते हुए कहा था कि इस परियोजना को जल्द पूरा किया जाएगा ताकि क्षेत्र का विकास सुनिश्चित हो सके.बहरहाल विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और इसे अगले कुछ महीनों में पूरा किए जाने की उम्मीद है।