Ritlal Yadav: राजद विधायक रीतलाल यादव से जेल में मिलना अब मुश्किल नहीं नामुमकिन, 3 लेयर वाले काल कोठरी में डाला

Ritlal Yadav: राजद विधायक रीतलाल यादव से जेल में मिलना अब मुश्किल होगा। आसानी से रीतलाल यादव के परिवार वाले भी उनसे नहीं मिल पाएंगे। जेल प्रशासन ने रीतलाल से मुलाकात को लेकर कई नियम लगा दिए हैं।

रीतलाल यादव ने मिलना मुश्किल - फोटो : social media

Ritlal Yadav: राजद नेता रीतलाल यादव बिल्डर से रंगदारी मांगने के आरोप में जेल में बंद हैं। राजद विधायक पहले बेऊर जेल में बंद थे जिसके बाद उन्हें भागलपुर भेज दिया गया। भागलपुर जेल में रीतलाल यादव की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जेल में अब रीतलाल यादव से मुलाकात करना आसान नहीं होगा। जेल प्रशासन ने रीतलाल यादव से मिलने को लेकर सख्त नियम लगा दिए हैं। रीतलाल यादव भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में बंद है। 

रीतलाल यादव से मिलना मुश्किल

विशेष केंद्रीय कारा प्रशासन के अनुसार, अब कोई भी व्यक्ति रीतलाल यादव से मिलने के लिए सीधे जेल नहीं पहुंच सकता। मुलाकात के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसमें आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य होगा। इसके बाद भी मिलने की अनुमति मिलने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। मुलाकातियों को न केवल अपनी पहचान बतानी होगी, बल्कि रीतलाल यादव से संबंध का विवरण भी देना होगा। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा के लिहाज से उन्हें कड़ी तलाशी से गुजरना पड़ेगा और सारी मुलाकातें सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होंगी।

तीन लेयर में बांटा गया सुरक्षा

जानकारी अनुसार, जेल प्रशासन ने सुरक्षा को तीन लेयर में बांट रखा है। अति सुरक्षित टी-सेल में रीतलाल यादव को रखा गया है। जहां राजनीतिक बंदियों के साथ-साथ खूंखार नक्सलियों और आतंकियों को भी बंद किया जाता है। यहां तक कि जेल अधिकारियों को भी इस हिस्से में जाने से पहले अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है। जेल परिसर में डोर फ्रेम और हैंड मेटल डिटेक्टर, स्कैनर और बीएमपी जवानों की तैनाती के साथ-साथ सभी सामानों की जांच की व्यवस्था की गई है।

17 अप्रैल से जेल में बंद है राजद नेता 

गौरतलब हो कि राजद विधायक रीतलाल यादव पर पटना के एक बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप है। पटना पुलिस की छापेमारी के बाद उन्होंने 17 अप्रैल 2025 को व्यवहार न्यायालय पटना में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर बेऊर जेल भेजा गया था। हालांकि, बेऊर जेल में उनकी मौजूदगी से विधि-व्यवस्था और शांति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जताई गई। इसे देखते हुए पटना के डीएम और एसएसपी की अनुशंसा पर जेल आईजी प्रणव कुमार ने प्रशासनिक आदेश जारी कर उन्हें एक मई को भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में शिफ्ट कर दिया।