BPSC 70th Exam: खेल कहां से हुआ शुरू,कहां हुआ खत्म,नॉर्मलाइजेशन पर बवाल,लाठीचार्ज,DM का थप्पड़ कांड फिर परीक्षा रद्द का पेंच...
बीपीएससी 70वीं की घोषणा के बाद से ही लगातार विवाद हुआ. जैसे पदों की संख्या 5 बार बढ़ी. परीक्षा की संभावित डेट 3 और फॉर्म भरने की तारीख 2 बार बढ़ी. नॉर्मलाइजेशन, लाठीचार्ज, DM का थप्पड़ कांड, प्रश्न पत्र के उलटफेर में परीक्षा रद्द होने तक मामला हुआ
BPSC 70th Exam: तमाम किस्म की आनाकानी के बाद अंततः बीपीएससी 70वीं को लेकर पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हुई परीक्षा रद्द कर दी गई. बीपीएससी 70वीं की घोषणा के बाद से ही चला आ रहा विवादों का नाता अनवरत जारी है. नॉर्मलाइजेशन, लाठीचार्ज, DM का थप्पड़ कांड और अब प्रश्न पत्र के उलटफेर के चक्कर में परीक्षा रद्द होने का मामला. देखा जाए तो इस पूरे प्रकरण में बीपीएससी की साख पर बड़ा सवाल खड़ा किया.
बिहार प्रशासनिक सेवा आयोग यानी बीपीएससी इससे पहले भी प्रश्न पत्रों के लीक होने के मामलों को लेकर आलोचनाओं में घिर चुका है. ऐसे में बीपीएससी 70वीं की परीक्षा पारदर्शी और बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न हो इसे लेकर इस बार कई किस्म के दावे किए ये. लेकिन, दावे फिर से फर्जी ही साबित हुए. इसके साथ ही बीपीएससी की प्रतिष्ठा को लेकर कई सवाल छोड़ गये.
समय रहते नहीं आया स्पष्टीकरण :
दरअसल, बीपीएससी 70वीं को लेकर सबसे पहला बवाल नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर आया. छात्र समूहों की ओर से नॉर्मलाइजेशन लागू किए जाने के दावे किए गए. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने भी इसे लेकर 28 नवंबर को विधानसभा में आवाज उठाई. उसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर नॉर्मलाइजेशन को लेकर कैम्पेन चला. विरोध प्रदर्शन की तारीख भी घोषित कर दी गई. बावजूद इसके बीपीएससी की ओर से इसका समय रहते जोरदार खंडन किया जाए. छात्रों को भरोसे में लेकर उन्हें उचित आश्वासन दिया जाए, इसका अभाव दिया.
नतीजा रहा कि बीपीएससी के खिलाफ हजारों छात्र पटना की सड़क पर उतरे. लाठीचार्ज हुआ. छात्र नेता दिलीप की गिरफ्तारी हुई. खान सर जैसे शिक्षक की तबीयत बिगड़ी. कई छात्र चोटिल हुए. हंगामा, विरोध, लाठीचार्ज के बाद बीपीएससी ने पत्र जारी किया कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. यानी जो काम पहले करके पूरे मामले का शांतिपूर्ण समाधान तलाशा जा सकता था, ऐसा लगा कि हंगामा होने तक छोड़ दिया गया.
अंततः परीक्षा रद्द
इसी तरह 13 दिसम्बर को हुई परीक्षा के दौरान भी पटना के केंद्र पर अनियमितता की खबरें आई. पटना जिलाधिकारी ने भी माना कि एक बॉक्स में प्रश्न पत्र कम थे. ऐसे में यह बड़ा सवाल था कि जिस परीक्षा में अभ्यर्थियों के घड़ी-बेल्ट तक खुलवा दिए जाते हों. महिला अभ्यर्थी की बालियां खुलवा दी जाती हों वहां इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई. जब तक जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी मोर्चा सँभालते तब तक भारी हंगामा शुरू हो चुका था. वहीं बीपीएससी ने परीक्षा रद्द करने से सिरे इनकार कर दिया. लेकिन 16 दिसम्बर को फिर से परीक्षा रद्द करने की घोषणा की.
पद, फॉर्म, परीक्षा तिथि में ही बदलाव :
यानी बीपीएससी बार बार अपने ही दावे, अपनी ही बातों से मुकरते रही. बीपीएससी 70वीं को लेकर अब तक का पूरा विवाद अंततः बीपीएससी की साख को धूमिल करने वाला रहा. जैसे पदों की संख्या 5 बार बढ़ी. परीक्षा की संभावित डेट 3 और फॉर्म भरने की तारीख 2 बार बढ़ी. ऐसे में लगातार विवादों में घिरे रहने से बीपीएससी की प्रतिष्ठा को जो झटका लगा है, उसे कैसे सुधारा जाए. यह बड़ा सवाल है.