Encounter: पटना एनकाउंटर में ढेर कुख्यात अजय राय कौन ? टेंपू ड्राइवर से कैसे बना कुख्यात अंतरराज्यीय लुटेरा,राजधानी में डकैती की बड़ी प्लानिंग..
Patna Crime News - पटना में एनकाउंटर में ढे़र कुख्यात अजय राय कौन ? कैसे बना टेंपू ड्राइवर से इंटरस्टेट कुख्यात लुटेरा,पटना में थी बड़ी डकैती की प्लानिंग
Patna - पटना। बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार 13 दिसंबर 2024 की दरमियानी रात एन्काउन्टर हुआ है। एसटीएफ ने एनकाउंटर में मूल रूप से छपरा जिले के रिवीलगंज थाना क्षेत्र के नटवां सेमरा गांव के रहने वाले इंटरस्टेट कुख्यात लुटेरा अजय राय उर्फ काका को ढेर कर दिया। मारा गया कुख्यात राजधानी के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के संजय नगर रोड नंबर 10 में स्थित किराए के मकान में साथियों संग छिपा हुआ था। आइए जानते है कौन है अपराध जगत में काका के नाम से कुख्यात हुए इस शख्स की क्राइम कुंडली
छपरा के रिवीलगंज थाना क्षेत्र के नटवां सेमरा गांव के रामाधार राय का पुत्र अजय कुमार राय उर्फ अजय यादव उर्फ काका बचपन मनबढ़ किस्म का रहा और ज्यो ज्यो इसकी उम्र बढ़ती गई इसकी बदमाशिया बढ़ती गई। बीते वक्त के साथ अपने गांव में मारपीट और चोरी चकारी में इसका नाम शामिल होता गया। फिर इसकी पहचान इलाके के आपराधिक किस्म के लोगों से बढ़ती चली गई और फिर यह आपराधिक वारदातों में शामिल होता गया। फिर क्या था इसने अपने जैसे आपराधिक प्रवृति के युवकों के के साथ लेकर छपरा समेत पड़ोसी जिलों सीवान, गोपालगंज में आपराधिक वारदातों को अंजाम देना शुरू किया और देखते पुलिस की नजरों में चढ़ने लगा। पुलिस ने जब इसकी गिरफ्तारी खातिर इसके पीछे पड़ी तो इसने पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के देवरिया का रुख किया और वही रहकर अपने गिरोह को संचालित करने लगा।
टेंपो ड्राइवर
जरायाम की दुनिया में उतर चुके अजय राय ने पुलिस के भय से देवरिया के सलेमपुर में रहकर टेम्पो चलाने लगा और अपने साथियों के बुलावे पर बिहार और अन्य राज्य में जाकर आपराधिक घटना को अंजाम देने लगा। समय के साथ इसने हत्या-लूट सहित कई मामलों का वांटेड अजय पहली बार गोपालगंज पुलिस के हत्थे 16 सितंबर 2013 को बरौली थाना के मीना बाजार से एक पिस्तौल, एक कट्टा व पांच कारतूस के संग धर दबोचा जब यह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने साथियों संग पहुंचा था। तब पूछताछ में इसने अपने इंटरस्टेट नेटवर्क का खुलासा करते हुए बताया था कि
गिरोह का नेटवर्क छपरा, सिवान,गोपालगंज से लेकर यूपी के सलेमगढ़ व देवरिया तक फैला है। तकरीबन 3 साल तक विभिन्न जेलों में रहने के दौरान इसका नेटवर्क बैंक लुटेरों और सोना लुटेरों के विभिन्न गिरोहों से बन चुका था। बेल पर जेल से बाहर निकलने के बाद इसने लुट की वारदातों को अपना मुख्य पेशा बना लिया और कई कांडों अंजाम देने लगा।
अजय राय की क्राइम कुंडली
एसटीएफ के डीआईजी विवेकानंद के अनुसार अजय राय एक शातिर लुटेरा था। कई बड़े बैंक लूटकांड में संलिप्त रहा है। कई गैंग के साथ इसने अलग-अलग नामों से कई कांडों को अंजाम दिया। 7 से 8 बड़े बैंकों में डकैती के मामलों में आरोपी था। 3 साल पहले ही अजय ने अपना गैंग बनाया था और लूट को अंजाम देता था।डकैती, अपहरण, लूट और हत्या के साथ आर्म्स एक्ट सहित कई मामलों में वो वांछित था।
काका के नाम से फेमस था अजय राय
पुलिस के मुताबिक, कुख्यात और शातिर लुटेरा अजय के खिलाफ हरियाणा, सारण और आरा में 9 से अधिक केस दर्ज थे।अजय राय अपराध की दुनिया में काका नाम से प्रसिद्ध था। 16 दिसंबर 2023 को भोजपुर जिले के नवादा थाना क्षेत्र स्थित एक्सिस बैंक से 17 लाख रुपए की लूटकांड को अंजाम देने में अजय राय शामिल था।वहीं साल 2011 में छपरा में धारा 307 के तहत रिविलगंज में केस दर्ज है। छपरा के गरखा थाना क्षेत्र में फ्लिपकार्ट कंपनी के एजेंट से लूटपाट मामले में केस दर्ज है। अजय राय कुख्यात चंदन सोनार के ग्रुप से जुड़ा था।अपहरण को अंजाम में चंदन सोनार का गिरोह सबसे बड़ा है। इसी गिरोह ने दमन और दीव के कारोबारी का समीर हिंगोरा का अपहरण किया था और उन्हें छपरा में ही लाकर रखा था। फिरौती में साढ़े 9 करोड़ लिए थे। इस कांड में भी अजय राय बड़ी भूमिका रही थी।
बड़ी प्लानिंग संग पटना में जमाया था डेरा
पटना में बड़ी डकैती की बड़ी प्लानिंग के तहत गुर्गों से पहुंचा था कुख्यात अजय राय उर्फ अजय यादव। लेकिन इसकी टोह में लगी एसटीएफ को इसके राजधानी में मौजूदगी से कान खड़े हो गए और जब विश्वस्त सूत्रों से पुलिस को जानकारी मिली कि शहर में कुछ अपराधी लूटपाट और डकैती की साजिश रच रहे हैं। इसके बाद एसटीएफ ने अपराधियों की खोजबीन शुरू की तो कुख्यात बैंक लुटेरे अजय राय का नाम सामने आया है। फिर क्या था सटीक सूचना पर जक्कनपुर के संजय नगर स्थित उस घर पर एसटीएफ ने दबिश डाल कर इसकी गिरफ्तारी की कवायद की पर मुठभेड़ में अजय राय की 4 गोलियों लगने से मौत हो गई।
कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट