पटना के फतुहा में मिलिट्री इंटेलिजेंस की गुप्त सूचना पर बड़ी कार्रवाई, नेपाल के 250 से अधिक लोग फर्जी दस्तावेज के साथ धराए
मिलिट्री इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, इस संस्थान की गतिविधियों से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस नेटवर्क में नेपाल आर्मी और नेपाल पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
Patna crime news: बिहार की राजधानी पटना से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मिलिट्री इंटेलिजेंस लखनऊ की गुप्त सूचना पर बिहार पुलिस ने फतुहा स्थित एक प्रीमियम फैशन कंपनी और उसके संस्थान पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में नेपाल के 250 से अधिक छात्र-छात्राओं, फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले शिक्षकों और संचालक से जुड़े कई अहम तथ्य उजागर हुए हैं। वही इस मामले के सत्यता की पुष्टि के लिए जब न्यूज 4 नेशन संवादाता ने sdpo फतुहा निखिल कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला अनुसंधान में है पूरी करवाई की जानकारी स्पष्ट जांच के बाद की जाएगी ।
फर्जी दस्तावेज और नेपाली छात्रों का उपयोग
न्यूज फॉर नेशन के पत्रकार अनिल की रिपोर्ट के मुताबिक छापेमारी के दौरान कई नेपाली मूल के लोगों के पास भारतीय आधार कार्ड, वोटर कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुए। प्राथमिक जांच में पता चला है कि कुछ नेपाली बच्चों को व्यवसाय के नाम पर बिहार लाकर ठगी और धोखाधड़ी में इस्तेमाल किया जा रहा था। मिलिट्री इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, इस संस्थान की गतिविधियों से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस नेटवर्क में नेपाल आर्मी और नेपाल पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
अयोग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण
फतुहा स्थित इस संस्थान में बिना किसी योग्यता के शिक्षक नेपाल के बच्चों को पढ़ाने और प्रशिक्षित करने का काम कर रहे थे। पिछले तीन महीनों से यह संस्थान बच्चों को प्रशिक्षण देने के नाम पर संचालित हो रहा था।
मुख्य संचालक फरार, जांच जारी
इस पूरे नेटवर्क का संचालक गंगेश्वर सिंह फिलहाल फरार है। पुलिस ने शिक्षकों और बच्चों से पूछताछ शुरू कर दी है और मामले के हर पहलू की गहन जांच की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर कोई बड़ी साजिश को अंजाम दिया जा सकता था।
जासूसी नेटवर्क की संभावना
मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने यह भी संभावना जताई है कि इस नेटवर्क का संबंध जासूसी गतिविधियों से हो सकता है। जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि आगे की जांच में और बड़े खुलासे होंगे। फिलहाल, प्राथमिकता के साथ फर्जी दस्तावेज, ठगी और सुरक्षा संबंधित मामलों पर काम किया जा रहा है।
सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह छापेमारी बिहार में फर्जीवाड़े और सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। सवाल यह है कि ऐसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे कितनी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है, और इससे निपटने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां क्या कदम उठाएंगी।