Bihar News: नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार,कई राज्यों में फैला था जाल
साईबर थाना की पुलिस ने नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अपराधियों में एक महिला पश्चिम बंगाल की निवासी है।
Bihar News: वैशाली जिले के साईबर थाना की पुलिस ने नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी साईबर डीएसपी चांदनी सुमन ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया को दी। गिरफ्तार किए गए अपराधियों में एक महिला पश्चिम बंगाल की निवासी है। पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से नौ मोबाइल फोन, तेरह सिम कार्ड, दो पासबुक, दो पैन कार्ड, आठ एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड और एक मतदाता पहचान पत्र बरामद किया है।
डीएसपी ने जानकारी दी कि साइबर थाना को प्रतिबिम्ब पोर्टल के माध्यम से यह ज्ञात हुआ कि मोबाइल नंबर 9546123544 और 91199427967 पर क्रमशः पटना और बेतिया जिलों में नौकरी देने के नाम पर साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज की गई हैं। तकनीकी अनुसंधान से यह स्पष्ट हुआ कि ये दोनों नंबर वैशाली जिले के औद्योगिक क्षेत्र थाना के अंतर्गत सक्रिय हैं। प्राप्त सूचना और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसपी वैशाली के निर्देशन में पुलिस उपाधीक्षक और साइबर थानाध्यक्ष चाँदनी सुमन के नेतृत्व में साइबर थाना पुलिस और औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस की एक टीम का गठन किया गया।
क गठित टीम द्वारा तकनीकी अनुसंधान के आधार पर एक स्थान की पहचान की गई, जहां टावर लोकेशन के माध्यम से साइबर अपराध की गतिविधियाँ संदिग्ध थीं। इस स्थान पर छापेमारी की गई और घेराबंदी की गई।
छापेमारी के दौरान, पुलिस को देखकर किराए के मकान में रह रहे चार युवक और एक महिला छिपने का प्रयास करते पाए गए। पुलिस ने जब इनसे छिपने का कारण पूछा तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
पुलिस ने इन सभी व्यक्तियों की तलाशी ली और उनके पास से 8 मोबाइल फोन और 13 सिम कार्ड बरामद किए। कड़ी पूछताछ में, इन लोगों ने स्वीकार किया कि वे व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर ठगी करते थे। वे लोगों से सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज मांगते थे और रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फी, कुरियर चार्ज आदि के नाम पर पैसे वसूलते थे। इसके अलावा, वे OLX पर भी फर्जी नौकरी के विज्ञापन देते थे और लोगों को ठगते थे।
बरामद मोबाइल फोन की जांच से पता चला कि इनका उपयोग कई अलग-अलग लोगों से संपर्क करने और उन्हें ठगने के लिए किया गया था। फोन में कई लोगों के शैक्षणिक दस्तावेज और भुगतान के स्क्रीनशॉट मिले।
पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत विभिन्न राज्यों में सक्रिय था और ऑनलाइन माध्यम से लोगों को निशाना बनाता था।साइबर थाने में इस मामले में आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।"