Bihar News : गया में अंचलाधिकारी के खिलाफ लोगों ने किया पैदल मार्च, भ्रष्टाचार करने का लगाया आरोप, कहा-सीओ को मंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रशासन का है संरक्षण
Bihar News : गया में सैकड़ों लोगों ने पैदल मार्च किया. इस दौरान उन्होंने अंचलाधिकारी पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.....पढ़िए आगे
GAYA : बिहार के गया में बोधगया अंचलाधिकारी के खिलाफ गांधी मैदान से समाहरणालय कार्यालय तक आनंद मार्ग प्रचारक संघ के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाली गई. इस दौरान सैकड़ो की संख्या में लोग बोधगया अंचलाधिकारी के खिलाफ पैदल मार्च में शामिल हुए. आनंद मार्ग प्रचारक संघ के सदस्य राहुल रंजन ने कहा कि बोधगया अंचलाधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त है. बोधगया के अंचलाधिकारी का बिहार सरकार, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और जिला प्रशासन का संरक्षण मिला हुआ है. क्योंकि अंचलाधिकारी का घर बिहार शरीफ में है और नालंदा का रहने वाला है. नालंदा जिले का किसी भी जिले में अधिकारी का पोस्टिंग है उसको संरक्षण मिला है.
बोधगया के अंचलाधिकारी दलालों के साथ मिलकर जमीन को बेच करके कब्जा दिलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बोधगया प्रखंड के ग्राम पड़रिया थाना नंबर 404 के खाता संख्या 310 प्लॉट 1860 का एराजी एक एकड़ 14 डिसमिल है, जबकि 1 एकड़ 74 डेसिमिल का परमान निर्गत है. जिसमें 60 डेसिमिल अर्जुन यादव एक एकड़ केशो मांझी के नाम से परवाना निर्गत है. एवं उसी प्लाट में कालीकरण सड़क भी बना हुआ है. उसके साथ-साथ प्लॉट नंबर 1859 का एराजी 1 एकड़ का गलती तरीके से स्वर्गीय सुवा बिहार मांझी, पिता स्वर्गीय रामेश्वर मांझी के नाम से बिना कब्जा के फरमाना निर्गत किया गया है, जिसमें सामुदायिक भवन एवं आनंद मार्ग स्कूल के बच्चों का खेल का मैदान है. साथ ही उक्त जमीन पर 40 वर्षों से पेड़ पौधा लगा हुआ है,
कहा की इस परमान के जमीन को बिना कब्जा के सुवा बिहार मांझी 3 जनवरी 1996 को नरेश यादव एवं अन्य के हाथों बेच दिया. तथा वीरा मांझी भी 23 जून 2025 को परदेशी मांझी से बिक्री कर दिया. इसकी सभी सूचना बोधगया अंचलाधिकारी को दिया गया था. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का स्पष्ट आदेश है कि परमान के जमीन का क्रय-बिक्री नहीं किया जा सकता है. उसके बावजूद बोधगया अंचलाधिकारी भू माफियाओं से मिलकर बार-बार उक्त जमीन के नापी के लिए आदेश निर्गत करते हैं और कहते हैं की बिक्री करने से क्या होगा.
राहुल रंजन ने कहा कि हम इस सरकार का अंग है लेकिन हम उनके खिलाफ हैं. क्योंकि हम गलत चीजों को बर्दाश्त नहीं करते हैं. जहां पर गलती रहती है वहां पर मैं आँख से आँख मिलाकर बात करता हूं. उन्होंने कहा कि जमीन का सत्यता है कि यह जो जमीन है पूर्व विधायक रामेश्वर मांझी ने 1980 में आनंद मार्ग को दान में 6 एकड़ जमीन दिया था. बोधगया के अंचल अधिकारी दलालों के साथ मिलकर इस जमीन को बेचने का काम कर रहा है. अंचलाधिकारी का संपत्ति का जांच होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से जब हम लोग मिले तो उन्होंने जांच कमेटी बनाने की बात कह कर टाल दिया. जांच कमेटी से कुछ होने वाला नहीं है मैं चाहता हूं कि ऐसे को पर कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त किया जाए.
गया से मनोज की रिपोर्ट