ACS सिद्धार्थ का वीडियो कॉल से शिक्षकों के बजाय DEO सहित अन्य अधिकारियों में क्यों फैला है खौफ.. अब बचना है मुश्किल

BIHAR TEACHER NEWS - शिक्षा विभाग के ACS एस. सिद्धार्थ द्वारा वीडियो कॉल के जरिए स्कूलों के निरीक्षण से शिक्षकों के साथ डीईओ ऑफिस के अधिकारियों में भी खौफ की स्थिति है। स्कूलों में कमी पाए जाने पर उन पर कार्रवाई हो सकती है।

ACS सिद्धार्थ का वीडियो कॉल से शिक्षकों के बजाय DEO सहित अन्य अधिकारियों में क्यों फैला है खौफ.. अब बचना है मुश्किल

PATNA - शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस सिद्धार्थ द्वारा हर दिन स्कूलों में वीडियो कॉल के जरिए निरीक्षण किया जा रहा है। एससीएस के इस कदम के कारण न स्कूलों में चल रही गड़बड़ी भी सामने आ रही है। बल्कि शिक्षकों द्वारा की जा रही मनमानी की भी पोल खुल रही है। वहीं एसीएस के वीडियो कॉल का खौफ शिक्षकों के साथ जिले के डीईओ सहित अधिकारियों में भी नजर आ रहा है।  उन्हें भी कार्रवाई का डर सताने लगा है।

एसीएस ने निरीक्षण का ऐसा तरीका ढूंढ लिया है जिससे स्कूल की गतिविधियों और व्यवस्थाओं को लेकर विभागीय मुख्यालय से कुछ भी छुपाना संभव नहीं होगा। अगर कोई कमी मिलेगी तो जाहिर है कि उसका असर अधिकारियों पर भी पड़ेगा।  दो दिन पहले ऐसा हुआ भी है। 

एक एचएम, लेखापाल और एमडीएम के अधिकारी निपटे

वीडियो कॉल से निगरानी का फायदा यह हो रहा है कि अब स्कूलों से ही एसीएस को सीधी शिकायतें मिलने लगी है। एक दिन पहले ही गया के शेरघाटी के मध्य विद्यालय में चल रही छात्रों और शिक्षकों के अटेंडेंस में फर्जीवाड़े की सच्चाई सामने आई थी। जिसमें स्कूल के एचएम को निलंबित कर दिया गया था। वहीं शिक्षकों की उपस्थिति प्रपत्र का निरीक्षण करनेवाले एमडीएम के अधिकारी को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी। इसके अलावा लेखापाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।

हर दिन 10 स्कूलों में एसीएस कर रहे कॉल

बता दें कि एसीएस एस सिद्धार्थ हर दिन प्रदेश के 10 स्कूलों में वीडियो कॉल कर रहे हैं। सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि मोबाइल नंबर 9153468895 से आने वाली वीडियो कॉल को अनिवार्य रूप से रिसीव करना होगा। कॉल के दौरान स्कूल परिसर, कक्षाओं की स्थिति, छात्रों की उपस्थिति और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था को फ्रंट और बैक कैमरे से दिखाना अनिवार्य होगा। इस नई व्यवस्था के लागू होने से सरकारी स्कूलों में सतर्कता और जवाबदेही को लेकर शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है।


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