Bihar News: बेउर जेल अधीक्षक के अवैध संपत्ति देख अधिकारियों के भी उड़े होश, प्रॉपर्टी खपाने के लिए नहीं छोड़ा कोई कसर, माँ-बाप का भी किया इस्तेमाल

Bihar News: बेउर जेल अधीक्षक के काले कारनामे धीरे धीरे अधिकारियों के सामने आ रहे हैं। जेल अधीक्षक ने अपनी अवैध उगाही को छुपाने के लिए अपने माँ-बाप का इस्तेमाल किया है।

Vidhu Kumar
Vidhu Kumar illegal property- फोटो : social media

Bihar News: बेउर आदर्श कारा के जेलर विधु कुमार के उपर बीते दिन ही ईओयू ने बड़ी कार्रवाई की थी। दरअसल, आदर्श केन्द्रीय कारा, बेऊर, पटना के कारा अधीक्षक विधु कुमार के कई ठिकानों पर शनिवार को छापेमारी की गयी। जिसमें आर्थिक अपराधी इकाई ने कई कागजात और सामान बरामद किया है। अब ईओयू जेलर विधु कुमार के अवैध कमाई को उजागर कर रही है। बताया जा रहा है कि विधु कुमार ने अवैध कमाई से पटना, मोतिहारी, शिवहर, पूर्णिया और कटिहार में एक दर्जन से अधिक जमीनें खरीदीं हैं। इसमें एक दर्जन अचल संपत्ति मां शैलजा देवी और पिता गोपाल शरण सिंह के नाम पर खरीदी गई है।

माँ बाप के  नाम पर खरीदी फ्लैट 

जानकारी अनुसार बेउर आदर्श कारा के जेलर विधु कुमार ने अपने पिता के नाम पर 2 और मां के नाम पर 11 प्लॉट खरीदे हैं। जिनकी कुल कीमत 1 करोड़ 42 लाख 69 हजार रुपये बताई गई है। हालांकि, बाजार में इनकी वास्तविक कीमत इससे काफी अधिक है। पटना के सगुना मोड़ के पास उनकी मां के नाम पर 2.34 डिसमिल जमीन और उस पर बना तीन मंजिला मकान भी शामिल है।

माँ गृहिणी तो पिता हैं सेवानिवृत्त हवलदार

आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने यहां छापेमारी की थी। मामले में दर्ज एफआईआर में इन संपत्तियों से जुड़े सभी विवरण शामिल हैं। ये प्लॉट कटिहार, मोतिहारी, शिवहर और पूर्णिया सदर में स्थित हैं। इनमें मोतिहारी के बासनपुर अगरवा में 35.35 डिसमिल जमीन का बड़ा प्लॉट भी शामिल है, जो उनकी मां शैलजा देवी के नाम पर है। शैलजा देवी एक गृहिणी हैं, जबकि उनके पिता गोपाल शरण सिंह सेना से सेवानिवृत्त हवलदार हैं, जो 2014 में सेवानिवृत्त हुए थे।

पिता के बैंक में जमा किए 15 लाख रुपए

सेवानिवृत्ति से पहले गोपाल शरण सिंह के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा किए गए थे। इसके अलावा, विधु कुमार, उनकी पत्नी आरची कुमारी, मां शैलजा देवी और पिता गोपाल शरण सिंह के नाम पर कुल 21 बैंक खाते पाए गए हैं, जिनमें 29 लाख 83 हजार रुपये जमा हैं। इनकी जांच अभी चल रही है।

14 साल की सेवा में उगाही 90 लाख की आय 

विधु कुमार ने नवंबर 2010 में सरकारी नौकरी शुरू की थी। 14 साल की सेवा के दौरान उन्हें वेतन के रूप में लगभग 90 लाख रुपये की आय हुई। लेकिन जांच में उनकी चल और अचल संपत्ति का कुल मूल्य 2 करोड़ 42 लाख रुपये से अधिक पाया गया, जो उनकी वास्तविक आय से 146% अधिक है। इसे अवैध संपत्ति का मामला माना जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद इन संपत्तियों के आंकड़ों में और वृद्धि हो सकती है।

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