CLAT 2025: क्लैट के 12 प्रश्नों पर आपत्ति, रिजल्ट पर रोक के लिए स्टूडेंट्स पहुंचे कोर्ट
CLAT 2025 के आंसर की विवाद ने परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो इस विवाद को हल करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
CLAT 2025: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2025 की अस्थायी आंसर की में 12 प्रश्नों के उत्तर गलत बताए गए हैं। इस मामले को छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। छात्रों ने 10 दिसंबर को घोषित होने वाले CLAT परिणामों पर रोक लगाने की मांग की है।
छात्रों की मुख्य आपत्तियां:
परीक्षा का आयोजन 1 दिसंबर को किया गया था, और आंसर की 2 दिसंबर को जारी की गई। आपत्ति दर्ज करने के लिए केवल एक दिन का समय दिया गया, जिसके बाद 3 दिसंबर को पोर्टल बंद कर दिया गया। विशेषज्ञों से राय लेने और साक्ष्य जुटाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। 12 प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज करने के लिए छात्रों से प्रति आपत्ति 1,000 रुपये (कुल 12,000 रुपये) शुल्क लिया गया, जिसे छात्रों ने अनुचित और आर्थिक रूप से बोझिल बताया।
छात्रों की मांग
छात्रों का कहना है कि आंसर की पर आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया में सुधार होना चाहिए। शुल्क को कम किया जाए ताकि सभी छात्रों को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का समान अवसर मिले। 10 दिसंबर को घोषित होने वाले CLAT परिणामों पर रोक लगाई जाए, जब तक कि विवादित प्रश्नों की समीक्षा निष्पक्षता से न हो जाए।
न्याय की मांग और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि CLAT की प्रक्रिया को पारदर्शी और समान अवसर प्रदान करने वाला बनाया जाए। साथ ही, सभी आपत्तियों पर पुनर्विचार कर छात्रों को न्याय दिलाने की मांग की है। CLAT 2025 के आंसर की विवाद ने परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है, जो इस विवाद को हल करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।