GAYA NEWS : गया में दो दिवसीय कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव का हुआ आगाज, लोकगायिका ईषिका विश्वकर्मा ने बांधा समां
GAYA : कोटेश्वर नाथ धाम का बिहार हीं नहीं पूरे देश में एक अलग पहचान है। इस धाम की महिमा और यहां की प्राचीनता आम से लेकर खास तक को अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित सहस्र शिवलिंग से लेकर अदभुत और दुर्लभ पीपल वृक्ष यहां के आकर्षण का केंद्र है। उक्त बातें बुधवार को बेलागंज के द्वापरकालीन शिवालय कोटेश्वर नाथ धाम में बिहार सरकार के कला संस्कृति और युवा विभाग एवं गया जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि बाबा कोटेश्वर महादेव को लेकर लोक आस्था है कि जो भक्त जिस मनोकामना के साथ बाबा के दरबार में अर्जी लगता है, बाबा कोटेश्वर नाथ उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि इस धाम की महत्ता और प्राचीनता को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा दो महोत्सव कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव और कोटेश्वर महादेव शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन कराया जाता है। पूरे बिहार में एकमात्र यह एक ऐसा स्थान है जहां सरकार द्वारा साल में दो महोत्सव कराया जाता है। बिहार सरकार के कला, संस्कृति और युवा विभाग एवं गया जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाली दो दिवसीय कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव का आगाज बुधवार के दोपहर बाद हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति संदीप कुमार, न्यायमूर्ति शशिभूषण प्रसाद सिंह, पूर्व लोकायुक्त अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्यामकिशोर शर्मा, अपर समाहर्ता राजस्व परितोष कुमार, वरीय उपसमाहर्ता मनीष कुमार और अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने जिला प्रशासन के द्वारा की गई महोत्सव की तैयारी और व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जब अगले महोत्सव में आएं तो जिला प्रशासन द्वारा इस महोत्सव में दिख रही कमियों में सुधार लायी जायेगी।
कार्यक्रम के दौरान छलका पूर्व लोकायुक्त का दर्द
वहीं अपने संबोधन के दौरान मेन गांव के ग्रामीण सह पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्याम किशोर शर्मा का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने दर्शकों की उपस्थिति और जिला प्रशासन द्वारा किया गया महोत्सव के व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पता नहीं गया जिला प्रशासन को कोटेश्वर नाथ धाम से क्या दुश्मनी है। जब बिहार सरकार महोत्सव के नाम पर पर्याप्त राशि उपलब्ध करा रही है तो जिला प्रशासन और संबंधित विभाग को महोत्सव की तैयारी पूरी करने में क्या परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब महोत्सव के समय भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला से अतिरिक्त सुरक्षा बल को बुलाना पड़ता था और आज जो भीड़ है उसमें दर्शक दीर्घा में आधी कुर्सियों पर सुरक्षा बल के जवान हीं बैठे हैं और आधी कुर्सियां बैठने वालों का इंतजार कर रही है। ये सारी दृश्य जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के विफलता को प्रदर्शित कर रही है। कार्यक्रम को उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति शशिभूषण प्रसाद सिंह, अपर समाहर्ता राजस्व परितोष कुमार आदि लोगों ने भी संबोधित किया।
इन लोगों की रही गरिमामय उपस्थिति
मौके वरीय समाहर्ता मनीष कुमार, अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, मंदिर न्यास कमिटी के अध्यक्ष सह वरिष्ट समाजसेवी झलकदेव शर्मा, उपाध्यक्ष किशोरी मोहन शर्मा, सचिव योगेंद्र शर्मा, स्थानीय बीडीओ राघवेंद्र कुमार शर्मा, मेन थानाध्यक्ष आलोक रंजन सहित कई गणमान्य एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।
मंदिर न्यास कमिटी को नही किया गया आमंत्रित
द्वापरकालीन शिवालय कोटेश्वर नाथ धाम में आयोजित दो दिवसीय कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव में जिला प्रशासन द्वारा मंदिर न्यास कमिटी को भी अनदेखी किया गया। फलस्वरूप न्यास कमिटी के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने जिला प्रशासन के इस लापरवाही पर नाराजगी जताई है। मंदिर न्यास कमिटी के सचिव योगेंद्र शर्मा ने बताया कि जिस कोटेश्वर नाथ धाम को लेकर सरकार द्वारा तामझाम में पैसा पानी के तरह बहाया जाता है, जिला प्रशासन द्वारा उसी धाम के प्रांगण को महोत्सव के दौरान साफ सफाई करवाना भी मुनासिब नहीं समझती है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा मंदिर न्यास कमिटी के अध्यक्ष या सदस्यों को आमंत्रित करना भी उचित नहीं समझा जाता। बाबजूद न्यास कमिटी जिला प्रशासन के कार्यों में सहयोगी बना रहता है। उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान उपस्थित न्यास कमिटी के अध्यक्ष और वयोवृद्ध समाजसेवी झलकदेव शर्मा और उपाध्यक्ष किशोरी मोहन शर्मा को मंच पर बुलाना भी उचित नहीं समझा। जो जिला प्रशासन का बड़ा ही शर्मनाक हरकत है।
ईषिका विश्वकर्मा ने बांधा समां
बुधवार को बेलागंज के द्वापरकालीन शिवालय कोटेश्वर नाथ धाम में आयोजित दो दिवसीय कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज कस्तूरबा विद्यालय रहीम बिगहा के छोटे छोटे बच्चों ने दुर्गा है मेरी मां, अम्बे है मेरी मां, ऊंचे भवन में होती है तेरी जय जयकार हो मईया आदि भक्ति गीत से किया। जिसके बाद कस्तूरबा विद्यालय के बच्चों के द्वारा एक के बाद एक मनमोहक प्रस्तुति ने मुख्य अतिथि सहित उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति संदीप कुमार, न्यायमूर्ति शशिभूषण प्रसाद सिंह और पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्याम किशोर शर्मा ने कस्तूरबा विद्यालय रहीम बिगहा के छोटे छोटे कलाकारों को संयुक्त रूप से कोटेश्वर नाथ धाम का मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कस्तूरबा विद्यालय के बच्चों के प्रस्तुति के बाद कार्यक्रम के उद्घोषक सुधीर पांडेय ने जिला प्रशासन की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुख्य कलाकार लोक गायिका ईषिका विश्वकर्मा के नाम का उद्घोष किया। जिसके बाद रंगमंच पर पहुंची युवा लोक गायिका ईषिका विश्वकर्मा ने सुप्रसिद्ध गीत सत्यम शिवम् सुंदरम से अपनी प्रस्तुति की शुरूआत किया। उसके बाद देवी भक्ति गीत और शिव भक्तिगीत की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। वहीं आधा दर्जन से अधिक फिल्मी एवं लोकगीत से समा बांध दिया। हालांकि लोक गायिका इषिका विश्वकर्मा के अथक प्रयासों के बाबजूद दर्शकों में वो उत्साह नहीं दिखा जिसकी लालसा लेकर लोग कोटेश्वर महादेव दशहरा महोत्सव में उपस्थित होते हैं। संध्या चार बजे के बाद जो थोड़ी बहुत भीड़ थी वो भी एक एक कर खिसकने लगी। शाम के पांच बजे अपर समाहर्ता राजस्व परितोष कुमार ने दो दिवसीय महोत्सव के पहले दिन के कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।
गया से प्रभात कुमार मिश्रा की रिपोर्ट