भाजपा ने गिरिराज सिंह की यात्रा को दिया बड़ा झटका,प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,इस यात्रा से BJP को कोई लेना देना नहीं..जेडीयू पहले ही क्या चुकी है विरोध
बिहार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर एनडीए के अंदर खींचतान शुरू हो गई है। इसको लेकर बीजेपी- JDU समेत विपक्षी पार्टी कांग्रेस और RJD भी खिलाफ नजर आ रही है।
giriraj singh hindu swabhiman yatra: बिहार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर एनडीए के अंदर खींचतान शुरू हो गई है। भाजपा ने इस यात्रा से खुद को अलग करते हुए यह स्पष्ट किया कि इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन पार्टी के सदस्य व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल हो सकते हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह यात्रा गिरिराज सिंह की व्यक्तिगत पहल है और भाजपा इसका हिस्सा नहीं है। वहीं, जदयू ने भी इस यात्रा का विरोध किया है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सवाल उठाया कि जब बिहार में सभी लोग सुरक्षित हैं और सांप्रदायिक सद्भावना कायम है, तो इस तरह की यात्रा की जरूरत क्यों पड़ी।
जदयू नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
जदयू के अन्य नेताओं ने भी इस यात्रा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि "बुजदिल नेता ही धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाते हैं।" वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि इस यात्रा से बिहार के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास नहीं होना चाहिए।
विपक्षी पार्टियों ने की आलोचना
कांग्रेस और आरजेडी ने भी इस यात्रा की आलोचना की है। कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने इसे "पाखंड" करार देते हुए सवाल उठाया कि जब बिहार में एनडीए की सरकार है, तो हिंदू स्वाभिमान यात्रा की क्या जरूरत है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भाजपा की चालबाजी है, जो नफरत फैलाने का प्रयास कर रही है।
हिंदुओं के अस्तित्व रक्षा की यात्रा- गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने इस यात्रा को हिंदुओं के अस्तित्व रक्षा की यात्रा बताया है, और कहा कि यह यात्रा धर्म, धन, और धरती बचाने का अभियान है। उन्होंने सवाल किया कि अगर तेजस्वी यादव मुसलमानों को जोड़ने के लिए यात्रा कर सकते हैं, तो उन्हें हिंदू स्वाभिमान की यात्रा से दिक्कत क्यों है।
कब से शुरू होगी हिंदू स्वाभिमान यात्रा
यह यात्रा 18 अक्टूबर को भागलपुर से शुरू होगी और बिहार के मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर गुजरेगी, जिसमें कटिहार, पूर्णिया, अररिया, और किशनगंज शामिल हैं। चुनावी साल होने के कारण इस यात्रा को लेकर विभिन्न दल अपने-अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे चुनावी राजनीति और गरमाने की उम्मीद है।