Bihar school News: एसीएस सिद्धार्थ का नया फरमान, सरकारी स्कूल में अब इस सिलेबस से होगी पढ़ाई, बदल जाएंगी सारी किताबें...

Bihar school News: बिहार के सरकारी स्कूलों में अब नए सिलेबस से पढ़ाई होगी। एस सिद्धार्थ ने नया फरमान जारी किया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है....

Education department
S Siddharth order - फोटो : social media

Bihar school News: बिहार के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 के छात्रों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र (2025-26) से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित किताबें लागू की जाएंगी। इन किताबों में बिहार के भौगोलिक, ऐतिहासिक, और सामाजिक परिवेश से संबंधित अतिरिक्त पाठ भी जोड़े गए हैं। वहीं, कक्षा 1 से 5 तक की किताबें पहले की तरह एससीईआरटी द्वारा तैयार की गई हैं, जिनकी छपाई प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

15 मार्च 2025 तक किताबें पहुंचाने का लक्ष्य

शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि सभी किताबें 15 मार्च 2025 तक स्कूलों में उपलब्ध हो जाएं, ताकि अप्रैल में नए सत्र की शुरुआत में ही छात्रों को किताबें मिल सकें। इस बार केवल बिहार के मुद्रकों को किताब छपाई की जिम्मेदारी दी गई है। बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड, विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के निर्देश पर छपाई कार्य की निगरानी कर रहा है।

किताबों की छपाई और गुणवत्ता की निगरानी

पहले चरण में 1 करोड़ 10 लाख बच्चों के लिए 11 करोड़ किताबें छपाई जा रही हैं। आवश्यकतानुसार और किताबें छापने पर भी विचार किया जाएगा। मुद्रकों को निर्देश दिया गया है कि छपाई उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले पन्नों पर हो। भारत सरकार की एजेंसियों से कागज की गुणवत्ता का प्रमाण पत्र लेने के बाद ही छपाई की अनुमति है। प्रखंड स्तर पर आपूर्ति के बाद किताबों की गुणवत्ता की जांच भी होगी।

सड़क सुरक्षा, क्यूआर कोड और गांधी के विचार शामिल

जानकारी अनुसार पहली से आठवीं तक की किताबों में सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी गई है, ताकि छात्रों को शुरुआत से ही इसकी समझ हो। किताबों में क्यूआर कोड के माध्यम से पढ़ाई करने की जानकारी भी दी गई है। गांधी जी के बताए सात सामाजिक पापों की जानकारी भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी।

मिडिल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा की शुरुआत

दूसरी ओर इस बार मिडिल स्कूल (कक्षा 1 से 5) के बच्चों के लिए कंप्यूटर की एक नई किताब भी जोड़ी गई है। इससे छात्रों को कंप्यूटर की प्राथमिक जानकारी मिलेगी। शिक्षा विभाग ने मिडिल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू करने का निर्णय लिया है। राज्य में ऐसे स्कूलों की संख्या 31,000 से अधिक है। इस नई पहल से न केवल छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि बिहार के ऐतिहासिक और सामाजिक पहलुओं से भी जुड़ाव बढ़ेगा। विभाग समय पर किताबें उपलब्ध कराने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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