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New Railway Line: बिहार में नई रेल लाइन, रांची जाना होगा आसान, ट्रैक बनाने में हाइस्पीड तकनीक का होगा प्रयोग, बंगाल को भी लाभ

New Railway Line: पीरपैंती-गोड्डा के बीच नई रेल लाइन का निर्माण कार्य भू-अर्जन में देरी के कारण अटका हुआ है। भू-अर्जन विभाग ने रेलवे को राशि के लिए पत्र तो भेज दिया है, लेकिन अभी तक जमीन का अधिग्रहण पूरा नहीं हो पाया है।

Pirpainti Godda railway line
New railway line between Pirpainti Godda - फोटो : social media

New Railway Line: पीरपैंती-गोड्डा नई रेललाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी के चलते निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। जिला भू-अर्जन विभाग ने रेलवे को भूमि अधिग्रहण के लिए 414 रैयतों को ₹41.03 करोड़ मुआवजा देने की योजना बनाई है। भागलपुर में 9 किमी रेल लाइन के लिए 86 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।

भूमि अधिग्रहण में देरी

रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक राज्य सरकार अधिग्रहित भूमि उपलब्ध नहीं कराती, तब तक निर्माण कार्य शुरू करना संभव नहीं है। भू-अर्जन विभाग की धीमी प्रक्रिया के कारण यह परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पा रही। भू-अर्जन में हो रही देरी के कारण पीरपैंती-गोड्डा रेल लाइन परियोजना में देरी हो रही है। इससे क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। सरकार को इस मामले में तत्काल कदम उठाना चाहिए और भू-अर्जन प्रक्रिया को तेज करना चाहिए।

परियोजना का महत्व

नई रेल लाइन बनने से यात्रियों को भागलपुर से रांची और गोड्डा तक सफर के लिए वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। इसके साथ ही, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ECFL) से कोयले के परिवहन में रेलवे को व्यवसायिक लाभ होगा। यह लाइन कुल 62 किमी लंबी होगी, जिसमें कई नए स्टेशन बनाए जाएंगे।

मुआवजा वितरण प्रक्रिया

परियोजना के तहत परबन्ना, रिफादपुर, उदयपुरा, और प्यालापुर की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रभावित लोगों को मुआवजा देने में देरी हो रही है। यही नहीं भू-अर्जन विभाग की ओर से काम में देरी हो रही है।

परसकना: 16.665 एकड़ (130 रैयत) - ₹9.50 करोड़

रिफादपुर: 31.13 एकड़ (162 रैयत) - ₹12.51 करोड़

उदयपुरा: 5.48 एकड़ (14 रैयत) - ₹3.24 करोड़

प्यालापुर: 33.352 एकड़ (108 रैयत) - ₹16.05 करोड़

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

इस परियोजना की अनुमानित कुल लागत: ₹1300 करोड़ रुपए हैं। इसकी लंबाई 62 किमी है। इसका निर्माण दो हिस्सों में कराया जाएगा। बिहार में 9 किमी इस परियोजना का हिस्सा होगा। बिहार, झारखंड और बंगाल के लोगों को होगा लाभ, ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड को कोयला परिवहन में सुविधा होगी।

ईसीएफएल से लाभ

महगामा स्थित ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड से निकलने वाले कोयले का परिवहन अभी सड़क मार्ग से होता है, जिसमें लागत अधिक आती है। रेलवे लाइन से यह परिवहन सस्ता और तेज होगा।


भागलपुर से रांची के लिए तीसरा विकल्प

इस रेललाइन से भागलपुर और रांची के बीच एक नया मार्ग उपलब्ध होगा। यह लाइन जसीडीह, देवघर, दुमका को जोड़ते हुए कई इलाकों को लाभान्वित करेगी। हेमंत कुमार, उप मुख्य अभियंता, पूर्व रेलवे ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा और इसे पूरा करने की समयसीमा तय की जा सकेगी।

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