नक्सलियों के खिलाफ पहली बार,15 हजार ग्रामीण पारम्परिक हथियार के साथ मोर्चा संभाला,1 को मारा,जंगल जंगल खोज रहे

ग्रामीणों का यह जन आंदोलन उग्रवादियों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध का एक अनूठा उदाहरण है। पुलिस और प्रशासन की भूमिका अब इस आंदोलन को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण होगी।

नक्सलियों के खिलाफ पहली बार,15 हजार ग्रामीण पारम्परिक हथियार के साथ मोर्चा संभाला,1 को मारा,जंगल जंगल खोज रहे
उग्रवादियों के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन- फोटो : freepik

PLFI Militants News: पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी-गोइलकेरा क्षेत्र में ग्रामीणों ने पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) उग्रवादियों के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में 100 गांवों के 15,000 से अधिक ग्रामीण तीर-धनुष, तलवार और अन्य पारंपरिक हथियारों के साथ शामिल हुए हैं।


चार दिन से चल रहा है 'ऑपरेशन सेंदरा'

ग्रामीणों ने पहाड़ी इलाकों में 40 किलोमीटर के दायरे में ‘ऑपरेशन सेंदरा’ (शिकार अभियान) शुरू किया है। इस अभियान के दौरान, उन्होंने पीएलएफआई ग्रुप लीडर मेटा टाइगर को तीर से मार गिराया है। इसके अलावा, पांच अन्य उग्रवादियों की तलाश जारी है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इनमें से चार उग्रवादियों के मारे जाने की भी चर्चा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।


तीन थानों की पुलिस की तैनाती

इस इलाके में उग्रवादियों की बढ़ती हिंसा और बालू उठाव को लेकर हाल ही में 24 नवंबर को दो लोगों की हत्या की गई थी। इसके दो दिन बाद एक और व्यक्ति को मार डाला गया। तीन हत्याओं के बावजूद उग्रवादियों पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने स्वयं हथियार उठा लिए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तीन थानों की पुलिस यहां कैंप कर रही है।


ग्रामीणों की नाराजगी का कारण

पुलिस कार्रवाई का अभाव: लगातार हो रही हत्याओं के बावजूद उग्रवादियों पर कार्रवाई नहीं की गई।

स्वरक्षा के लिए पहल: ग्रामीण अपनी सुरक्षा और उग्रवाद के खात्मे के लिए संगठित हो रहे हैं।

पारंपरिक हथियारों का उपयोग: तीर-धनुष और तलवार जैसे पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीण आंदोलनरत हैं।

ग्रामीणों का यह जन आंदोलन उग्रवादियों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध का एक अनूठा उदाहरण है। पुलिस और प्रशासन की भूमिका अब इस आंदोलन को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण होगी।

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