सर्जरी के बाद हर साल 15 लाख लोग होते हैं इंफेक्टेड, जानें समस्या से बचाव के उपाय

सर्जिकल साइट इंफेक्शन (SSI) भारत में सर्जरी के बाद होने वाली एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरा है। ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 15 लाख लोग इस समस्या से प्रभावित होते हैं।

इंफेक्शन

सर्जरी के बाद होने वाला संक्रमण, जिसे सर्जिकल साइट इंफेक्शन (SSI) कहा जाता है, आज के समय में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गया है। ICMR की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, हर साल भारत में लगभग 15 लाख लोग सर्जरी के बाद इस संक्रमण का शिकार होते हैं।


क्या है सर्जिकल साइट इंफेक्शन?

सर्जिकल साइट इंफेक्शन एक ऐसा संक्रमण है जो सर्जरी के दौरान लगाए गए कट और उसके आसपास के हिस्से में बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है या जिनकी सर्जरी के बाद सही तरीके से देखभाल नहीं होती है।


स्टडी के चौंकाने वाले खुलासे

ICMR ने दिल्ली के एम्स और अन्य प्रमुख अस्पतालों में 3,090 मरीजों पर एक स्टडी की। इसमें पाया गया कि: सर्जरी के बाद करीब 54% मामलों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। 2 घंटे से अधिक समय तक चलने वाली सर्जरी में एसएसआई का रिस्क सबसे ज्यादा होता है। इंफेक्शन का खतरा उन मरीजों में अधिक होता है जो डायबिटीज, हृदय रोग, या अन्य क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित होते हैं।


इंफेक्शन के लक्षण

सर्जिकल साइट इंफेक्शन के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: सर्जरी वाली जगह पर सूजन या लालिमा। प्रभावित हिस्से में दर्द और पस का निकलना। लगातार बुखार और थकान। सर्जरी के स्थान पर खुजली या जलन।


इंफेक्शन से बचाव के उपाय

सर्जरी के बाद इंफेक्शन से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए: सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित ड्रेसिंग कराएं। संक्रमण से बचने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करें। हाथों और सर्जरी वाले स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लें। सर्जरी के बाद किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


एसएसआई के इलाज के विकल्प

सर्जिकल साइट इंफेक्शन के इलाज में आमतौर पर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। यदि संक्रमण गंभीर हो जाए और पस बनने लगे, तो डॉक्टर सर्जिकल प्रक्रिया के जरिए पस को निकालने की सलाह देते हैं। लंबे समय तक संक्रमण को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें।


निष्कर्ष

सर्जरी के बाद होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए समय पर इलाज और सही देखभाल बेहद जरूरी है। इस समस्या से बचने के लिए जागरूकता फैलाना और अस्पतालों में स्वच्छता का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। मरीजों को चाहिए कि वे सर्जरी के बाद अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और किसी भी परेशानी को नजरअंदाज न करें।

(यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी समस्या या सलाह के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।)

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