Medical college - मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 20 एकड़ जमीन दान में देंगे, किसान ने सरकार के सामने रखी पेशकश
Medical college - बड़हिया में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए किसान ने अपनी 20 एकड़ जमीन सरकार को दान में देने की पेशकश की है।
Lakhisarai - बड़हिया प्रखंड अंतर्गत निजामपुर गांव से एक बड़ी जनहितकारी पहल सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मृणाल माधव ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर 20 एकड़ निजी भूमि मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए दान देने की सहमति दी है। वे चाहते हैं कि इस कॉलेज का नाम उनके स्वर्गीय पिताजी के नाम पर रखा जाए, जो उनके लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं।
किसान समिति की पहल बनी आधार
यह प्रस्ताव तब आकार ले पाया जब किसान समिति के श्याम नंदन सिंह और संजीव कुमार मृणाल माधव के आवास पर पहुंचे और बड़हिया क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की ज़रूरत को विस्तार से बताया। समिति की बातों से प्रभावित होकर मृणाल माधव ने तुरंत ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर यह जमीन देने की औपचारिक सहमति दे दी।
नाम को लेकर दो स्पष्ट प्रस्ताव
पत्र में अधिवक्ता मृणाल माधव ने साफ़ लिखा है कि अगर बिहार सरकार उनके पूर्वज के नाम पर कॉलेज स्थापित करने पर सहमत नहीं होती, तो उन्होंने एक दूसरा वैकल्पिक प्रस्ताव भी दिया है — मेडिकल कॉलेज का नाम "भूमिहार ब्राह्मण मेडिकल कॉलेज बड़हिया" रखा जाए। उनका मानना है कि इससे समाज के शिक्षा प्रेम और योगदान को एक नई पहचान मिलेगी।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की त्रिआयामी सोच
अधिवक्ता मृणाल माधव ने यह प्रस्ताव सामाजिक जिम्मेदारी के तहत दिया है। उनका मानना है कि मेडिकल कॉलेज से न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि इससे शिक्षा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। आसपास के जिलों — जैसे शेखपुरा, नवादा, जमुई और पटना — के ग्रामीण क्षेत्रों को भी इससे लाभ होगा।
समाज सेवा का जीवंत उदाहरण
यह प्रस्ताव भूमिहार ब्राह्मण समाज की शिक्षा, सेवा और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बन चुका है। मृणाल माधव की सोच यह दिखाती है कि एक व्यक्ति की पहल भी बड़े सामाजिक परिवर्तन की नींव बन सकती है।
मुख्यमंत्री से अपेक्षा
अब निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर टिकी हैं कि क्या वे इस ऐतिहासिक प्रस्ताव को स्वीकृति देकर बड़हिया की धरती को चिकित्सा शिक्षा के एक नए केंद्र में तब्दील करेंगे।
Report - kamlesh Kumar