पीएम मोदी की 'मन की बात' में नालंदा के नेपुरा के हैंडलूम की चर्चा, प्रधनमंत्री ने की नवीन कुमार के मेहनत की सराहना, बुनकरों में खुशी की लहर

NALANDA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 124 वें एपिसोड में नालंदा जिले के नेपुरा गांव के बुनकरों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने यहां के युवा बुनकर नवीन कुमार की मेहनत और उनके नवाचार की सराहना की। पीएम की ओर से नाम आने के बाद से पूरे गांव में उत्साह का माहौल है, वहीं बुनकर समुदाय के चेहरे पर नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।

पीढ़ियों से जुड़ा काम, तकनीक से बदली तस्वीर

नेपुरा के बुनकर सदियों से हैंडलूम बुनाई की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। नवीन कुमार, जो स्थानीय बुनकर सहयोग समिति के सचिव भी हैं। बताते हैं कि पहले यह काम मिट्टी में गड्ढा खोदकर लगाए गए पिट लूम पर होता था। लेकिन अब वस्त्र मंत्रालय की पहल पर आधुनिक फ्रेम लूम उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे छत पर भी बुनाई का काम किया जा सकता है।

नई पीढ़ी का रुझान और शिक्षा

पीएम मोदी ने खासतौर पर यह बात कही कि नवीन के बच्चे हैंडलूम टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर बड़े ब्रांड्स में काम कर रहे हैं। बुनकर कोटे के चलते स्थानीय युवाओं को NIFT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई का मौका मिल रहा है, जिससे इस परंपरागत कला को नया भविष्य मिल सकता है।

चुनौतियां अब भी बरकरार

खुशी के इस माहौल के बीच बुनकरों की समस्याएं खत्म नहीं हुई हैं। नवीन कुमार का कहना है कि बाजार तक पहुंच और समय पर भुगतान सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया, "हमारा कपड़ा दिल्ली और पटना के मॉल में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के जरिए भेजा जाता है, लेकिन शर्त यह रहती है कि जब कपड़ा बिकेगा तभी भुगतान होगा। ऐसे में अगले ऑर्डर के लिए धागा खरीदना और घर का खर्च चलाना बेहद मुश्किल हो जाता है।"

सरकार से ये उम्मीदें

नवीन और अन्य बुनकर चाहते हैं कि सरकार स्थायी बाजार, समय पर भुगतान, और बुनकरों के लिए पेंशन योजना लागू करे, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।

नालंदा से राज की रिपोर्ट