Bihar Bandh Today:बिहार बंद पर प्रशासन की सख्ती, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई, सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद
Public Property: विपक्ष द्वारा बुलाए गए बिहार बंद को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है, वहीं प्रशासन ने भी सख्ती का रुख अपनाया है।
Bihar Bandh Today: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में विपक्ष द्वारा बुलाए गए बिहार बंद को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है, वहीं प्रशासन ने भी सख्ती का रुख अपनाया है। पटना समेत पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि बंद के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके और सरकारी संपत्ति को नुकसान से बचाया जा सके।
पटना में सगुना मोड़ से जीरोमाइल तक के 30 किमी लंबे रूट पर शहर के प्रमुख स्थानों पर 50 मजिस्ट्रेट और 600 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। सभी थानों को अलर्ट मोड में रखा गया है, जबकि डीएम डॉ. त्याग राजन एसएम और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी एसडीओ और एसडीपीओ को भ्रमणशील रहने और संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित समीक्षा व निगरानी करने को कहा गया है।
प्रमुख स्थलों जैसे पटना जंक्शन, सचिवालय, गांधी मैदान, डाकबंगला चौराहा, आयकर गोलंबर, जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु और सगुना मोड़ पर विशेष निगरानी की जा रही है। बिहार निर्वाचन कार्यालय, जो कि प्रतिबंधित जोन में आता है, वहां भी मजिस्ट्रेट और सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। इस क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इस बंद के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुबह 10:30 से 11:30 बजे के बीच पटना में आंदोलन में भाग लेंगे। उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य वरिष्ठ नेता आयकर गोलंबर से विधानसभा तक मार्च करेंगे। इस मार्च को लेकर भी 10 मजिस्ट्रेट और 200 पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की गई है।
राज्य के डीजीपी विनय कुमार ने सभी एसएसपी और एसपी को चौकस रहने का आदेश देते हुए स्पष्ट कहा है कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ बिना किसी ढिलाई के सख्त कार्रवाई की जाएगी। आम जनता की आवाजाही पर कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए।
राज्य के सभी सार्वजनिक स्थानों पर पैट्रोलिंग बढ़ा दी गई है, ताकि आम नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाया जा सके। प्रशासन का संदेश स्पष्ट है—बंद के लोकतांत्रिक अधिकार का सम्मान, लेकिन कानून तोड़ने या हिंसा करने की इजाज़त किसी को नहीं।