Bihar First 6 Lane Bridge: एशिया का सबसे चौड़ा 6 लेन पुल बनकर हुआ तैयार, इस दिन से वाहनों का परिचालन होगा शुरु, बिहार के इन जिलों को मिलेगा फायदा

Bihar First 6 Lane Bridg: 6 लेन पुल पर परिचालन शुरु होते ही उत्तर बिहार के कई जिलों जैसे दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, मधुबनी और दक्षिण बिहार के लखीसराय, शेखपुर, जमुई, नवादा, गया और पश्चिम बिहार के पटना, आरा, बक्सर के बीच की दूरी घट जाएगी।

Bihar first 6 lane bridge
Bihar first 6 lane bridge is ready- फोटो : social media

Bihar First 6 Lane Bridge: बिहार को जल्द ही बड़ी सौगात मिलने वाली है। प्रदेश का पहला 6 लेन पुल गंगा नदी पर बनकर तैयार हो गया है। यहीं नहीं अगले सप्ताह से इस पुल पर वाहनों का आवागमन भी शुरु हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी 24 अप्रैल को प्रस्तावित बिहार दौरे पर इस पुल का उद्घाटन कर सकते हैं। इस पुल के शुरु होने से करोड़ों लोगों को राहत मिलेगा।  

पहला 6 लेन पुल इस दिन से होगी शुरु 

बता दें कि, यह पुल मोकामा के औंटा को बेगूसराय के सिमरिया से जोड़ता है। पुल और संपर्क पथ की कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर है, जिसका निर्माण 1,740 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। हालांकि, मोकामा के पास रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के एक हिस्से में फिनिशिंग का कार्य अभी जारी है। जिसे 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी कारण शुरुआती चरण में लगभग 250 मीटर की दूरी पर तीन लेन से ही आवागमन की अनुमति होगी।

पुल के शुरु होने से लोगों को मिलेगी राहत

इस परियोजना के तहत गंगा नदी पर 1.865 किलोमीटर लंबा पुल बनाया गया है। जिसमें 3 किलोमीटर फोरलेन और 3.285 किलोमीटर छह लेन का संपर्क पथ शामिल है। पुल के चालू होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यातायात कहीं अधिक आसान और सुगम हो जाएगा।

गोलंबर से लोगों को टर्न लेने में होगी सुविधा

पुल परियोजना के अंतर्गत एक छह लेन आरओबी, दो रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) और छह वेकल अंडरब्रिज (वीयूबी) का भी निर्माण किया गया है। औंटा के पास दो स्थानों पर आरयूबी बनाए गए हैं। इसके अलावा पटना-मोकामा ग्रीनफील्ड फोरलेन और नए पुल के संगम स्थल पर एक सुंदर गोलंबर भी बनाया गया है। जिससे वाहनों के टर्न लेने में सुविधा मिलेगी।

ब्रिज की खासियत

नए पुल पर दोनों ओर तीन-तीन लेन की 13-13 मीटर चौड़ी सड़क बनाई गई है। जबकि दोनों किनारों पर डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ भी है। अभी तक मोकामा से बेगूसराय जाने वाले लोग दो लेन वाले राजेंद्र सेतु का उपयोग करते थे। जहां अक्सर मरम्मत कार्य के कारण ट्रैफिक बाधित रहता था। इसके चलते यात्रियों को गंगा पार करने में कभी-कभी घंटों लग जाते थे। लेकिन छह लेन पुल के चालू होने के बाद यह दूरी अब मिनटों में तय की जा सकेगी।

ब्रिज का निर्माण कार्य

बता दें कि 2017 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ब्रिज का शिलान्यास किया था। ब्रिज का निर्माण 1161 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। ब्रिज की कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर है। ब्रिज की चौड़ाई 34 मीटर है। ब्रिज का निर्माण कार्य अप्रैल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद थी वहीं अब ब्रिज बनकर तैयार है और 22 अप्रैल से इसपर वाहनों का आवागमन भी शुरु हो सकता है। ब्रिज का निर्माण कार्य 11 अगस्त 2018 को वेलस्पन इंटर प्राइजेज के तहत एसपी सिंगला कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से शुरू किया गया था।

ब्रिज के लाभ

यह ब्रिज उत्तर बिहार(दरभंगा समस्तीपुर, सहरसा, मधुबनी), दक्षिणी बिहार(लखीसराय, शेखपुर, जमुई, नवादा, गया) और पश्चिमी बिहार (पटना, आरा, बक्सर) को जोड़कर क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस ब्रिज के बनने से यातायात में सुधार होगा और यात्रा का समय कम होगा। यह ब्रिज क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। ब्रिज के निर्माण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि कोरोना महामारी और गंगा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव। दो बार ब्रिज का निर्माण फेल हुआ जिसके बाद अब ब्रिज निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और अप्रैल 2025 तक यह जनता को समर्पित होगा। 

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