Patna Paras Hospital shootout: चंदन मिश्रा एक कुख्यात अपराधी से गैंगवॉर के शिकार तक की कहानी, जानें क्रिकेट के मैदान से क्राइम की दुनिया में रखा कदम
Patna Paras Hospital shootout: पटना के पारस अस्पताल में पैरोल पर इलाज करा रहे कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की हत्या से जुड़े गैंगवार की पूरी कहानी पढ़ें। चंदन-शेरू गैंग का इतिहास और हत्या में मिलीभगत के आरोप।

Patna Paras Hospital shootout: चंदन मिश्रा बिहार के अपराध जगत का जाना-माना नाम था, जो बक्सर जिले के मंटू मिश्रा का इकलौता बेटा था। उसके खिलाफ लगभग एक दर्जन से अधिक हत्या के मामले दर्ज थे। लेकिन उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा अध्याय तब शुरू हुआ जब वह शेरू सिंह के साथ मिलकर चंदन-शेरू गैंग का लीडर बना।
इस गैंग ने 2009 के बाद शाहाबाद इलाके में अपना आतंक फैलाया। खासकर बक्सर जिले में, जहां 2011 में दो चर्चित हत्याकांड—भरत राय और शिवजी खरवार—में इनका नाम सामने आया। इसके बाद चंदन ने चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी की रंगदारी न देने पर हत्या कर दी थी। यही नहीं, जेल क्लर्क हैदर अली की हत्या में भी चंदन मिश्रा शामिल था, जिसके कारण उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी।
पारस हॉस्पिटल में कैसे हुई चंदन मिश्रा की हत्या?
गुरुवार सुबह-सुबह पटना के पॉश इलाके स्थित पारस अस्पताल में पांच हथियारबंद अपराधी घुसे और सीधे कमरे नंबर 209 में पहुंचे, जहां चंदन मिश्रा इलाज करवा रहा था। अपराधियों ने बिना देरी किए गोलीबारी शुरू कर दी और चंदन मिश्रा को मौत के घाट उतार दिया।इस पूरे घटनाक्रम ने पटना की कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। चंदन के चचेरे भाई हरेंद्र मिश्रा ने प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।उनका कहना है, "जहां बड़े-बड़े नेता और वीआईपी लोग इलाज के लिए आते हैं, वहां इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई?"पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने स्पष्ट किया कि चंदन मिश्रा बक्सर का दुर्दांत अपराधी था और उसकी हत्या गैंगवार का हिस्सा लगती है।
चंदन-शेरू गैंग दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर
चंदन मिश्रा और शेरू सिंह कभी अच्छे दोस्त हुआ करते थे। दोनों ने क्रिकेट खेलते वक्त शुरू हुई मारपीट के बाद जेल की हवा खाई और वहां से निकलने के बाद संगठित अपराध की दुनिया में कदम रखा, लेकिन धीरे-धीरे दोनों में मतभेद बढ़ने लगे। शेरू सिंह ने बंगाल गोल्ड और तनिष्क डकैती जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया और अलग गिरोह बना लिया।पुलिस सूत्रों के अनुसार, चंदन मिश्रा की हत्या भी शेरू सिंह के गिरोह द्वारा की गई हो सकती है। यह वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है।
पुलिस जांच: क्या अस्पताल और जेल प्रशासन भी शक के घेरे में?
जिस समय चंदन मिश्रा की हत्या हुई, वह पैरोल पर था और उसकी पैरोल खत्म होने में केवल 24 घंटे बाकी थे।इससे शक और भी गहरा हो गया है कि जेल या अस्पताल से किसी ने मुखबिरी की होगी। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि इतनी सटीक जानकारी विरोधी गुट को कैसे मिली।