जो बांग्लादेश के हैं उन्हें वापस चला जाना चाहिए, एसआईआर के विरोध पर बोले असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

Patna - असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीति से जुड़े कई प्रमुख मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने सबसे पहले बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी, जहां नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। सरमा ने इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वहसमस्त असम वासियों की ओर से नीतीश कुमार का अभिनंदनकरते हैं। उन्होंने इस घटनाक्रम को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके गठबंधन की "बहुत बड़ी विजय"बताया, साथ ही बिहार की जनता का भी आभार व्यक्त किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह इस बदलाव को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जीत मानते हैं।

बंगाल में मतदाता सूची अभियान (SIR) के कथित विरोध पर मुख्यमंत्री सरमा का रुख अत्यंत कड़ा और स्पष्ट था। उन्होंने विरोधी दलों, विशेषकर ममता बनर्जी द्वारा एसआईआर को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि एसआईआर बंगाल मेंशुरू हो चुका हैऔर यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी घुसपैठिए हैं, उन्हें भारत से जाना चाहिएऔर जो बांग्लादेशी हैं उन्हेंभारत में नहीं रहना चाहिए। यह टिप्पणी बांग्लादेश की सीमा से सटे राज्यों में अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर बीजेपी के सख्त दृष्टिकोण को दर्शाती है।

बांग्लादेश वापस जाने वालों का स्वागत

घुसपैठियों को देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री ने एक कठोर संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर एसआईआर के कारण ये लोगबांग्लादेश जा रहे हैं, तो हमें (भारत को) इसका स्वागत करना चाहिए। इस बयान से पता चलता है कि असम सरकार और बीजेपी इस अभियान को घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने के एक प्रभावी माध्यम के रूप में देखती है, चाहे इसका कितना भी राजनीतिक विरोध क्यों न हो। उनका यह रुख, विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों में, राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसांख्यिकीय बदलावों के प्रति उनकी चिंता को उजागर करता है।

रॉबर्ट वाड्रा कौन

सरमा ने अपने बयान के दौरान, एक संवाददाता के सवाल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर तंज कसा। जब वाड्रा के बयान पर सवाल किया गया, तो सरमा ने सवाल किया किरॉबर्ट वाड्रा कौन हैं, क्या वह कोई सांसद या विधायक हैं? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या अब उन्हें राहुल गांधी के जीजा जी के पीछे भी पड़ना पड़ेगा। यह टिप्पणी विपक्षी नेताओं के गैर-चुनावी सदस्यों द्वारा की गई राजनीतिक टिप्पणियों को महत्व न देने की उनकी रणनीति को दर्शाती है, जिससे वह मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान बिहार में गठबंधन की जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करने से लेकर बंगाल मेंघुसपैठियोंपर एक दृढ़ और स्वागत योग्य रुख अपनाने तक फैले हुए थे। इन बयानों के माध्यम से उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, अवैध प्रवासन और पार्टी की जीत पर अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया। इन टिप्पणियों ने बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति को बल दिया है।


रिपोर्ट - रंजीत  कुमार