Bihar Cabinet Expansion: NDA ने बिछाया जाति की बिसात, 7 नए मंत्रियों के बहाने समझिए कैसे की जा रही कास्ट के सहारे कुर्सी साधने की कोशिश...पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Bihar Cabinet Expansion: नीतीश कैबिनेट में आज 7 नए मंत्रियों ने शपथ ली है. इसमें एनडीए में विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातियों को साधने की कोशिश की है....पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Bihar Cabinet Expansion: NDA ने बिछाया जाति की बिसात, 7 नए मंत्रियों के बहाने समझिए कैसे की जा रही कास्ट के सहारे कुर्सी साधने की कोशिश...पढ़िए इनसाइड स्टोरी
नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार - फोटो : social media

Patna : पिछले 11 महीनों के इन्तजार के बाद बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है। इस दौरान भाजपा कोटे के सात मंत्रियों ने राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली है। हालाँकि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश सरकार में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है। नए मंत्रियों में जातीय समीकरण का ख्याल रखा गया है। अमनौर विधानसभा से विधायक कृष्ण कुमार मंटू ने मंत्री पद की शपथ लिया, जो कुर्मी समाज से आते हैं। वहीं अररिया सिकटी विधानसभा सीट से विधायक विजय मंडल केवट जाति से आते हैं। इसके अलावा साहेबगंज से विधायक राजू सिंह राजपूत जाति से आते हैं। वहीं दरभंगा से विधायक संजय सारावगी मारवाड़ी समाज से आते हैं। इसके अलावा जाले विधानसभा सीट से विधायक जीवेश मिश्रा भूमिहार जाति से आते हैं। बिहार शरीफ से विधायक सुनील कुमार कुशवाहा जाति से आते हैं। वहीं विधायक मोती लाल प्रसाद तेली समाज से आते हैं। 

सबसे पहले बात कृष्ण कुमार मंटू की

भारतीय जनता पार्टी (BJP) कोटे से अमनौर विधानसभा सीट के विधायक कृष्ण कुमार मंटू को नीतीश कैबिनेट में  मंत्री बनाया गया है। बता दें कि मंटू 2010 में पहली बार विधायक बने थे और 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुनील कुमार को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। 27 फरवरी 1977 को जन्मे कृष्ण कुमार मंटू ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। शुरुआती दौर में वे अपने गांव बनौटा के मुखिया बने और बाद में पंचायत स्तर की राजनीति में सक्रिय हो गए। उनकी पत्नी सविता देवी लगातार चार बार ब्लॉक प्रमुख चुनी गईं, जिससे उनके परिवार की राजनीतिक पकड़ मजबूत होती गई। कृष्ण कुमार मंटू छपरा सांसद राजीव प्रताप रूडी के काफी करीबी बताए जाते हैं।

विजय कुमार मंडल के बारे में 

सीमांचल के सिकटी से भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल ने नीतीश कैबिनेट में मंत्रिपद की शपथ ली है। उनके मंत्रिमंडल में शामिल होना अति पिछड़ा वर्ग, खासकर केवट जाति के वोट बैंक को साधने की एनडीए की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। वे पांच बार विधायक और एक बार राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। विजय कुमार मंडल का राजनीतिक सफर 1995 में आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी से शुरू हुआ था। उन्होंने अररिया विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। उस समय आनंद मोहन सहित उनके सभी उम्मीदवार हार गए थे, लेकिन मंडल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद वे राजद में शामिल हो गए। 2000 के चुनाव में राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए। बाद में राजद ने उन्हें फिर से अपने साथ ले लिया और राज्य मंत्री बनाया। 2005 में वे अररिया से चुनाव हारे, लेकिन 2009 के उपचुनाव में लोजपा के टिकट पर जीत हासिल की। 2010 में वे सिकटी सीट से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2015 में वे भाजपा में शामिल हो गए और सिकटी से जीत हासिल की। 2020 में भी उन्होंने इसी सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की। 

राजपूत समाज से आते हैं राजू सिंह

बिहार के साहेबगंज से विधायक राजू कुमार सिंह एक रसूखदार सियासतदान और बड़े उद्योगपति हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1970 को पारू के आनंदपुर खरौनी गांव में हुआ था। राजू सिंह ने कई राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ा और जीता है। राजू सिंह का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। उन्होंने 2005 में लोजपा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और साहेबगंज से विधायक चुने गए। उसी साल अक्टूबर में हुए चुनाव में उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया और फिर से साहेबगंज से जीत हासिल की। 2010 में भी वो जदयू से विधायक बने। 2015 में उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन चुनाव हार गए। 2020 में वो वीआईपी से चुनाव जीते, लेकिन दो साल बाद ही भाजपा में वापस आ गए। इस तरह उन्होंने चार बार विधायक की कुर्सी हासिल की है। नीतीश मंत्रिमंडल में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी है। 

मारवाड़ी समाज से आते है संजय सरावगी

मारवाड़ी समाज से आनेवाले दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी भी नीतीश कैबिनेट में मंत्री बन गए हैं। संजय सरावगी दरभंगा शहरी क्षेत्र से लगातार पांच बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। संजय सरावगी जन्म 1969 में हुआ था। उन्होंने मिथिला यूनिवर्सिटी से एमए (मास्टर) तक की पढ़ाई की है। संजय की राजनीतिक शरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई थी। इसके बाद उन्होंने 2003 में नगर निगम में वार्ड नंबर 6 से वार्ड पार्षद का चुनाव जीतकर पहली बार वार्ड पार्षद बने थे। संजय सरावगी ने फरवरी 2005 में और फिर अक्टूबर 2005 में, फिर 2010 में विधायक बने थे। उसके बाद से लगातार विधायक बने हुए हैं।

जीवेश मिश्रा दूसरी बार बन रहे मंत्री

भूमिहार समाज से आनेवाले जाले विधानसभा से भाजपा विधायक जीवेश कुमार फिर से मंत्री बनाये गए हैं। मिथिला विश्वविद्यालय से पढ़े-लिखे जीवेश कुमार ABVP से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। जीवेश कुमार लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। इससे पहले 2015 में भी उन्होंने जाले से जीत हासिल की थी। 25 जुलाई 1973 को जन्मे जीवेश कुमार का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है। 1981 से 1998 तक वे ABVP के सक्रिय सदस्य रहे। 1998 से 2002 तक भाजपा के प्राथमिक सदस्य के रूप में कार्य किया। 2002 से वे भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। 2015 में पहली बार जाले विधानसभा से विधायक चुने गए। इसके बाद 2020 में उन्होंने 21,796 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। इस जीत के बाद उन्हें बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बनाया गया था। 

सीएम नीतीश के गृह क्षेत्र के डॉ सुनील कुमार

बिहारशरीफ के विधायक डॉ सुनील कुमार चार बार विधानसभा पहुंच चुके हैं। पहले जनता दल (यूनाइटेड) में थे, फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। डॉक्टर भी हैं और फिल्म निर्माता भी। ओबीसी समुदाय से आते हैं और बिहारशरीफ में अच्छी पकड़ रखते हैं। 2005 से लगातार बिहारशरीफ से विधायक हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत जदयू से की थी। 2005 और 2010 में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की। 2013 में जदयू और भाजपा के गठबंधन टूटने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। 2015 और 2020 में भाजपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। डॉ सुनील कुमार का जन्म 20 जनवरी 1957 को नालंदा जिले में हुआ था। उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। राजनीति में आने से पहले वो डॉक्टर के तौर पर काम करते थे। 1995 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा।

रीगा से विधायक मोतीलाल प्रसाद

सीतामढ़ी जिले के रीगा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मोतीलाल प्रसाद दूसरी बार विधायक बने हैं और वैश्य समाज से आते हैं। 2010 में पहली बार जीत हासिल की। 2015 में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2020 में फिर से जीतकर वापसी की। वे वैश्य समाज से आते हैं और रीगा में इस समाज के वोटर अच्छी संख्या में हैं। इससे पहले सुनील कुमार पिंटू और रामवृक्ष चौधरी भी वैश्य समाज से मंत्री रह चुके हैं। प्रसाद तीसरे ऐसे विधायक होंगे जो मंत्री बनेंगे। 


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