Bihar News : विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश सरकार की नीतियों को लगा बड़ा झटका ! 51 नगर निकायों के उप मुख्य पार्षदों का सामूहिक इस्तीफा, एनडीए को सीधी चेतावनी

बिहार के नगर निकायों के उप मुख्य पार्षदों का निर्वाचन जनता के वोटों से होने के बाद भी उन्हें कोई अधिकार नहीं दिया गया है. नीतीश सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए अब 51 उप मुख्य पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है. यह विधानसभा चुनाव के पहले एनडी

resignation of deputy chief councilors of bihar municipal bodies
resignation of deputy chief councilors of bihar municipal bodies- फोटो : news4nation

Bihar News : विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ एक बड़ा विरोध देखने को मिला है.  बिहार के 51 नगर निकायों के उप मुख्य पार्षदों ने नीतीश सरकार की नीतियों के विरोध में एक सख्त निर्णय लिया है.  51 नगर निकायों के उप मुख्य पार्षदों ने राज्य के नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार से मुलाकात कर उन्हें सामूहिक इस्तीफा सौप दिया.  


उप मुख्य पार्षदों का कहना है की बिहार सरकार की नीतियों के कारण वे अधिकार विहीन हैं. जनता के वोटों से निर्वाचित होने के बाद भी उन्हें जनहित में काम करने का कोई अधिकार नहीं मिला है. ऐसे में उप मुख्य पार्षद का पद केवल कागजी रह गया है. इस्तीफा सौंपने वाले उप मुख्य पार्षदों के समूह का हिस्सा रहे मोकामा के कन्हैया कुमार ने बताया की राज्य में कुल 261 नगर निकाय हैं. वर्ष 2022 में 18 और 20 दिसम्बर को नगर निकाय चुनाव हुआ था जिसका परिणाम भी उसी महीने आया. बिहार में यह पहला मौका था जब सीधे जनता के वोटों से मुख्य पार्षद यानी मेयर और उप मुख्य पार्षद यानी डिप्टी मेयर का चुनाव सहित पार्षद का चुनाव हुआ. लेकिन नगर निकायों के नए नियमन से मुख्य पार्षदों के पास ही सारी शक्ति सीमित हो गई. 

बिना अधिकार कैसे बनें जवाबदेह

उन्होंने कहा की ऐसे में जनता के लिए किसी प्रकार का काम करने का कोई अधिकार उप मुख्य पार्षदों के पास नहीं रह गया है. बार बार बिहार सरकार से नियमों में बदलाव की अपील के बाद भी कुछ नहीं हुआ. वहीं दूसरी और कई नगर निकायों में मुख्य पार्षदों की मनमानी से आन जनता परेशान है. इसलिए फ़िलहाल विरोध स्वरूप 51 उप मुख्य पार्षदों ने इस्तीफा सौंपा है. उन्होंने कहा की नीतीश सरकार की नीतियों के कारण निर्वाचित उप मुख्य पार्षदों खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. इसलिए हमारी सरकार से मांग रही है की  नियमों और नीतियों को बदला जाए जिससे जनता के प्रति हम जवाबदेह हो सकें. इसी कारण विरोध स्वरूप 51 उप मुख्य पार्षदों ने इस्तीफा दिया है. 

एनडीए का करेंगे विरोध ! 

वहीं उप मुख्य पार्षद संघ ने चेतावनी दी है की अगर बिहार सरकार का यही रवैया बरकरार रहा तो इसके खिलाफ और बड़ा आंदोलन होगा. आगे आने वाले दिनों में कई अन्य उप मुख्य पार्षद इस्तीफा देंगे. इतना ही नहीं एनडीए के प्रत्याशियों का भी विरोध किया जाएगा. इसका बड़ा नुकसान विधानसभा चुनाव में एनडीए को झेलना पड़ सकता है क्योंकि जनता इसे उनके निर्वाचित उप मुख्य पार्षदों के साथ एक प्रकार की धोखाधड़ी मान रही है. संघ के अध्यक्ष पिंटू रजक, कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद यादव, प्रधान महासचिव राजीव प्रसाद सिंह सहित मनेर के शंकर यादव, देव औरंगाबाद के गोलू गुप्ता, पुपरी के जयप्रकाश, अरवल की जमीला खातून, अस्थावा के अजीत कुमार पासवान, चंडी के प्रवीण कुमार सुमन, परवलपुर के अक्षय कुमार, बिहटा के रिंकू कुमार आदि शामिल रहे. 




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