Bihar BAS Officer: बिहार प्रशासनिक सेवा की आधिकारी श्वेता मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई! पटना, कटिहार समेत UP के ठिकानों पर जबरदस्त छापेमारी, जेवरात जमीन-जायदाद का खुलासा
Bihar BAS Officer: बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी श्वेता मिश्रा पर SVU ने भ्रष्टाचार के आरोपों में पटना, कटिहार और प्रयागराज में छापेमारी की। जानिए क्या मिला छापे में और अब आगे क्या कार्रवाई संभव है।
Bihar BAS Officer: बिहार प्रशासनिक सेवा (2011 बैच) की अधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ लंबे समय से भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जन की शिकायतें चल रही थीं। विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।इस प्राथमिकी में बताया गया कि उन्होंने अपनी सेवा अवधि में 80 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित की, जो उनकी घोषित आय से 84.34% अधिक है।
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
SVU की चार टीमों ने एक साथ पटना, कटिहार और प्रयागराज में छापेमारी की।
नीचे प्रमुख संपत्तियों और वस्तुओं की सूची दी जा रही है:
सामग्री अनुमानित मूल्य
नकद राशि ₹6.51 लाख
जेवरात (सोना-चांदी) ₹16 लाख
बैंक FD और निवेश ₹20 लाख+
आलीशान कोठी (प्रयागराज) ₹30–35 लाख (साज-सज्जा में)
पटना (AG कॉलोनी फ्लैट) अचल संपत्ति
गाजियाबाद (नूरसराय फ्लैट) अचल संपत्ति
गौरस हाई स्ट्रीट मार्केट (शॉपिंग स्पेस) G-14 यूनिट
यह केवल सामने आई संपत्तियों की प्रारंभिक जानकारी है, जबकि SVU की जांच के अनुसार कुल संपत्ति करोड़ों में पहुंच सकती है।
प्रयागराज में मिला आलिशान मकान
प्रयागराज स्थित सदर तहसील में एक आलीशान कोठी मिली है, जो हजारों वर्ग फुट में बने हुए हैं। इसमें महंगे मार्बल फर्श,विदेशी इंटीरियर डेकोरेशन,लग्जरी इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स लगे हुए है।इस घर की सजावट और सामग्री देखकर SVU अधिकारियों ने भी टिप्पणी की कि “यह किसी IAS अधिकारी की नहीं, किसी बड़े व्यवसायी की कोठी प्रतीत होती है।”
विवादों में रही हैं अधिकारी श्वेता मिश्रा
भोजपुर, रोहतास, पटना, डेहरी जैसे जिलों में तैनाती के दौरान लगातार शिकायतें मिलती रही है। भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) के रूप में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए।महिला आयोग तक में की गई शिकायतें की गई है।ट्रांसफर के बावजूद लगातार चर्चा में रहना और राजनैतिक संरक्षण की चर्चाएं
SVU की अगली कार्रवाई
संपत्ति की रजिस्ट्री और बाजार मूल्य का तुलनात्मक विश्लेषण किया जाएगा। आय और खर्च के स्रोतों की बारीकी से जांच होगी। नीलामी, जब्ती या मुकदमा चलाने की संभावनाएं जताई जा रही है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 IPC की धारा 13(1)(e), 409, 420 के तहत अवैध संपत्ति जब्ती अधिनियम के अंतर्गत संपत्तियों की कुर्की की जाएगी।