Vee kunwar singh - पटना में गूंजेगी वीरता की गाथा, 23 अप्रैल को होगा बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव

Patna - 1857 की आजादी की जंग में ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती देने वाले महान क्रांतिकारी बाबू वीर कुंवर सिंह की गौरवगाथा एक बार फिर बिहार की राजधानी पटना में जीवंत होने जा रही है। आगामी 23 अप्रैल को विद्यापति भवन, पटना में सारण विकास मंच द्वारा वीरता, बलिदान और राष्ट्रप्रेम के प्रतीक इस महानायक के 167वें विजयोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इसकी जानकारी आयोजन समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह और सारण विकास मंच के संयोजक श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार, 18 अप्रैल को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक समारोह का उद्घाटन बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव करेंगे और वे बतौर मुख्य अतिथि भी शामिल रहेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि आज की पीढ़ी को देशभक्ति और साहस का संदेश देने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह का जीवन प्रेरणादायी है। 80 वर्ष की आयु में भी उन्होंने हार नहीं मानी और ब्रिटिश हुकूमत को झकझोर कर रख दिया। जब 1857 में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम का शंखनाद किया, तब संसाधन सीमित थे, लेकिन उनका अदम्य हौसला अंग्रेजी सत्ता के सामने अडिग रहा।
सामाजिक समरसता के प्रतीक थे बाबू कुंवर सिंह
आयोजन समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह ने भी कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह का संघर्ष सिर्फ सैन्य विजय नहीं, सामाजिक समरसता का भी प्रतीक था। उनके नेतृत्व में सभी जाति, वर्ग और समुदायों की भागीदारी आज के भारत को एकता का संदेश देती है। उन्होंने जोर दिया कि युवाओं को ऐसे गुमनाम नायकों के योगदान से अवगत कराना आज की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में वीर कुंवर सिंह के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होंगी। इसमें सृष्टि शांडिल्य द्वारा लोकनृत्य और उदय नारायण सिंह द्वारा गायन की प्रस्तुति प्रमुख आकर्षण होगी। साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि 23 अप्रैल को विद्यापति भवन न सिर्फ एक आयोजन स्थल होगा, बल्कि वह दिन बिहार की धरती पर इतिहास, वीरता और सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का साक्षी बनेगा।