Bihar flood: गंगा के कहर में डूबा बिहार, 8 जिलों के 12.5 लाख लोग बाढ़ की चपेट में, 19 की मौत
Bihar flood:बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों के उफान ने हालात भयावह बना दिए हैं।...
Bihar flood:बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों के उफान ने हालात भयावह बना दिए हैं। बक्सर से भागलपुर तक गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, पुनपुन, सोन, कमला बलान, महानंदा और अन्य नदियों ने भी तटबंधों पर दबाव बढ़ा दिया है।
राज्य के आठ जिलों के 230 पंचायतों में 12 लाख 58 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।बेगूसराय के 36 पंचायत, 3.15 लाख लोग प्रभावित हैं तो भागलपुर के 67 पंचायत, 2.37 लाख लोग प्रभावित हैं वहीं पटना के 24 पंचायत, 1.85 लाख लोग प्रभावि हैं। भोजपुर में 30 पंचायत, 1.68 लाख लोग प्रभावित हैं तो वैशाली के23 पंचायत, 1.67 लाख लोग प्रभावित हैं।मुंगेर के 28 पंचायत, 1.26 लाख लोग प्रभावित हैं। सारण के 18 पंचायत, 38,340 लोग प्रभावित हैं।लखीसराय के 4 पंचायत, 11,600 लोग प्रभावित हैं।
भोजपुर जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से 2 सेंटी मीटर ऊपर बह रही है जिसके कारण जिले के पांच प्रखंड के कई गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, लगातार गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण सैकड़ो जिले के गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं एवं गांव का संपर्क प्रखंड एवं जिला मुख्यालय से पूरी तरह से टूट गया है, वही भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के नेकनाम टोला गंगा घाट पर गंगा नदी अपने रौद्र रूप में है तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि यहां गंगा नदी पूरी तरह से अपने उफान पर हैं एवं यहां नदी के जलस्तर मापने के लिए लगाया गया पिलर पूरी तरह से पानी में डूब चुका है वही बगल के पिलर के माध्यम से हर 4 घंटे पर गंगा नदी के जलस्तर को माफ कर इसकी रिपोर्ट पटना भेजी जा रही है गंगा नदी के जलस्तर को माफ कर रिपोर्ट करने वाले पुलिस राय ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है वही आज पानी स्थिर है फिर भी गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके कारण आसपास के कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।
खगड़िया में लगातार गंगा नदी के जलस्तर एवं गंडक बागमती कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद बाढ़ से त्राहिमाम बचा हुआ है आम लोगों को हो रही समस्याएं उसके दर्द को बयां कर रही है एक तरफ जहां प्रशासन लगातार बाढ़ में फंसे लोगों के लिए व्यवस्थाएं करने में जुटी है वही बड़ी आबादी मिलने वाली सरकारी सुविधाओं से महरूम हो रहे हैं
रविवार को बाढ़ के पानी में डूबने से 19 लोगों की मौत हो गई। इनमें बेगूसराय के 8, भागलपुर, सीवान, भोजपुर और खगड़िया के 2-2, जबकि मुंगेर, वैशाली और कटिहार के 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। मौतों में मां-बेटी, बच्चों और बुजुर्गों के मामले भी हैं, जो राहत कार्यों की चुनौती को और गंभीर बना रहे हैं।
कटिहार जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया है, बरारी - कुर्सेला - मनिहारी और अमदाबाद मुख्य प्रखंड है..जिससे निचले इलाके में गंगा - कोसी और महानंदा का पानी घुस गया है, लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, सभी का जीवन यापन मुश्किल हो गया है, लोग किसी तरह पानी में चलकर अपने नए आशियाने को तलाश रहे हैं, लोग पानी में मचान पर बैठकर दिन गुजार रहे हैं, नदी के निचले इलाके में घर डूब गया है,
भागलपुर के कई नए इलाकों में गंगा का पानी घुस चुका है, यहाँ तक कि विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस तक जलभराव हो गया है। पटना के दियारा इलाकों में सड़क संपर्क टूट गया है, जबकि नालंदा और बेगूसराय में भी कई गांव जलमग्न हैं। भागलपुर-सुल्तानगंज के बीच एनएच-80 और भागलपुर-सन्हौला गोराडीह रोड पर बाढ़ का पानी आने से यातायात ठप है।
राज्य भर में 1000 से अधिक नावें चलाई जा रही हैं, जबकि एसडीआरएफ की 22 और एनडीआरएफ की 10 टीमें मोर्चा संभाले हैं। तटबंधों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है, ताकि कहीं भी पानी का दबाव टूटने से और तबाही न मचे।