Bihar elections 2025: बिहार चुनाव 2025 से पहले ओपी राजभर की मांग ने गरमाई सियासत! अकेले चुनाव लड़ने की दी चेतावनी

Bihar elections 2025: बिहार चुनाव 2025 के लिए ओपी राजभर की मांगें और सियासी रणनीति चर्चा में हैं। जानिए क्यों उन्होंने एनडीए को दी अकेले चुनाव लड़ने की चेतावनी और क्या है इसके पीछे की राजनीति।

ओपी राजभर की सियासी चाल- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar elections 2025: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। वे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से 29 सीटों की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई तो वे अकेले चुनाव लड़ेंगे।

गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को पटना पहुंचकर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस बार कोई "फ्री में समर्थन" नहीं होगा। अगर एनडीए को नुकसान हुआ तो वह उनकी ज़िम्मेदारी नहीं होगी।राजभर की यह मांग और रुख राजनीतिक दबाव की रणनीति हो सकती है या फिर एक गंभीर गठबंधन संकट की शुरुआत। उत्तर प्रदेश में राजभर के प्रभाव को देखते हुए, उनका यह रुख बिहार की जातीय राजनीति में नई करवट ले सकता है।

ईबीसी समाज को लेकर राजभर की चिंता बिहार में ठगे गए हैं ईबीसी

ओपी राजभर ने एक अहम मुद्दा उठाया है—बिहार के अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) की उपेक्षा। उनके अनुसार, बिहार की 36% आबादी ईबीसी समुदाय की है लेकिन उनके साथ लगातार भेदभाव हो रहा है।राजभर ने दावा किया कि इस वर्ग का करीब 22% समर्थन उन्हें प्राप्त है और बिहार में EBC खुद को ठगा हुआ महसूस करता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ईबीसी के लिए कई योजनाएं और लाभकारी निर्णय लिए गए हैं, जबकि बिहार में इसे नजरअंदाज किया गया।इस बात से यह संकेत मिलता है कि राजभर EBC के वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं, जो बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

उपचुनाव में 'कुर्बानी' का हवाला एनडीए को दिलाई दो सीटें

ओपी राजभर ने पिछले वर्ष हुए उपचुनावों का हवाला देते हुए कहा कि तरारी और रामगढ़ सीटों पर उन्होंने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन बीजेपी आलाकमान के कहने पर उन्हें वापस ले लिया। इसके परिणामस्वरूप दोनों सीटें एनडीए को मिलीं।उन्होंने कहा कि बदले में उन्हें वादा किया गया था कि आगामी विधानसभा चुनावों में उचित हिस्सेदारी दी जाएगी। अब अगर वादा पूरा नहीं होता तो वह मजबूरन अकेले लड़ेंगे। यह बयान एक तरह से बीजेपी के लिए चेतावनी भी है और गठबंधन धर्म पर सवाल भी।

बिहार में गुंडाराज योगी मॉडल लागू हो राजभर का तीखा हमला

बिहार की कानून-व्यवस्था पर ओपी राजभर ने कड़ा हमला करते हुए कहा कि राज्य में 'गुंडाराज' कायम है और इसे खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश के 'योगी मॉडल' को अपनाने की ज़रूरत है। उन्होंने दावा किया कि वे अब तक बिहार के 32 जिलों में कार्यक्रम कर चुके हैं और 156 सीटों पर काम कर चुके हैं।यह बयान उन्हें एक सीरियस खिलाड़ी के रूप में पेश करता है जो केवल सहयोगी दल नहीं बल्कि एक पूर्ण विकल्प बनने की तैयारी में है।

जेडीयू का पलटवार मेंढक की तरह टर्राने वाला

ओपी राजभर के बयान पर जेडीयू मंत्री रत्नेश सदा ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि "बरसात में मेंढक आते हैं और टर्र-टर्र करते हैं। बिहार की जनता उनके बहकावे में नहीं आएगी।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार एनडीए में ओपी राजभर को एक भी सीट नहीं दी जाएगी।इससे यह साफ है कि एनडीए के भीतर समन्वय की कमी और आंतरिक संघर्ष खुलकर सामने आने लगे हैं।