Bihar Land Survey: लगान वसूली में कोई रहम नहीं करेगी बिहार सरकार! तहसीलदारों को रैयतों पर सख्ती बरतने का आदेश, बकायेदारों की जमीन होगी जब्त या नीलाम

बिहार सरकार ने लगान नहीं चुकाने वाले रैयतों के खिलाफ सख्ती बरतने का फैसला किया है। विभागीय आदेश के तहत बड़े बकायेदारों की सूची तैयार कर जमीन नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

 Bihar land revenue
Bihar land revenue- फोटो : AI GENERATED

Bihar land revenue: बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लगान बकायेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। अब तहसीलदारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जो रैयत लगातार लगान नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ नोटिस, मुकदमा और ज़मीन की नीलामी तक की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।यह फैसला उन मामलों पर भी लागू होगा जहां रैयतों ने बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए अपनी भूमि की प्राकृतिक स्थिति (land use nature) को बदल दिया है।

सरकार को हो रहा था भारी राजस्व नुकसान

विभाग के सचिव के अनुसार, कई रैयत खेती की जमीन को व्यावसायिक या आवासीय रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन प्रक्रिया के तहत भूमि प्रकृति परिवर्तन नहीं कराया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार को वास्तविक लगान की राशि नहीं मिली। इसकी वजह से राजस्व की बड़ी क्षति हुई। अंचल अधिकारी शिकायत के बाद भी कार्रवाई में शिथिलता बरत रहे थे।अब इस स्थिति को बदलने के लिए सचिव ने साफ निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश में कहा है कि बिना प्रकृति बदलाव की अनुमति लिए जमीन का उपयोग करना गैरकानूनी है और ऐसे मामलों में तत्काल नोटिस जारी किया जाए।

25 अंचल और 10 जिला स्तर के नाम शामिल

विभाग ने राज्यभर के अंचल और जिलों से बकायेदारों की सूची मांगी है। आदेश के अनुसारअंचल स्तर पर 25 बड़े बकायेदारों की सूची बन रही है।जिला स्तर पर 10 प्रमुख बकायेदारों की पहचान की गई है। इन्हें नोटिस भेजने, वाद दाखिल करने और अंततः नीलामी की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।यह सूची जल्द ही सार्वजनिक की जा सकती है, जिससे जनता में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़े।

चुनाव के बाद लगान दरों में हो सकती है बढ़ोतरी

सूत्रों के अनुसार, विभाग ने संकेत दिया है कि चुनाव के बाद लगान की दरों में संशोधन किया जा सकता है। इससे पहले भूमि का वास्तविक उपयोग चिह्नित किया जाएगा।प्राकृतिक बदलाव के अनुरूप लगान निर्धारित होगा।डिजिटल रजिस्ट्रियों के आधार पर वसूली प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी।यह कदम सरकार की राजस्व आय बढ़ाने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।

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