Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षकों का बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने, इन जिलों में हेडमास्टर-टीचर मिलकर कर रहे थे खेला, अब जाएगी नौकरी?

Bihar Teacher News: बिहार में सरकारी शिक्षक और हेडमास्टर मिलकर बड़ा खेल खेल रहे थे। शिक्षा विभाग ने इस खेल का उजागर करते हुए सख्त कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है।

शिक्षक कर रहे थे खेला !- फोटो : social media

Bihar Teacher News:  बिहार में शिक्षा विभाग को सुधारने की तमाम कोशिशों के बावजूद आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ ही जाती है जिससे विभाग पर सवाल खड़ा हो जाए। एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है। राज्य के विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का बड़े पैमानें पर घोटाला सामने आया है। शिक्षकों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।  

शिक्षकों ने किया खेल 

जानकारी अनुसार बक्सर, छपरा, अरवल, जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा, गया, किशनगंज, पूर्णिया, जमुई, मुंगेर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और दरभंगा जिले से फर्जीवाड़े के मामले शिक्षा विभाग के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में सामने आए हैं। मामले सामने आने के बाद संबंधित जिलों में कराई गई जांच में सैकड़ों शिक्षकों द्वारा मोबाइल एप के जरिए फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज कराने की पुष्टि हुई है। इस गंभीर अनियमितता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दोषी शिक्षकों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

ई-शिक्षा कोष पोर्टल में हेरफेर उजागर

कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के ई-शिक्षा कोष पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर उपस्थिति दर्ज की। जांच में विद्यालय कर्मियों और प्रधानाध्यापकों की मिलीभगत भी सामने आई है। खासकर वे शिक्षक, जो अक्सर विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं। सहकर्मी शिक्षकों या कर्मचारियों की मदद से व्हाट्सएप पर फोटो भेजकर अपनी हाजिरी बनवाते थे। इसके बाद प्रधानाध्यापक विद्यालय की आईडी से उन शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कर देते थे।

एक ही फोटो से कई दिनों की हाजिरी

बता दें कि, नवादा जिले के रजौली बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका रश्मि रानी का मामला सामने आया है। जिन्होंने नवंबर माह में कई दिनों तक विद्यालय आगमन और प्रस्थान के लिए एक ही फोटो एक ही स्थिति में अपलोड की। कई तिथियों पर प्रस्थान का फोटो अपलोड ही नहीं किया गया। इस पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिव कुमार वर्मा ने उनसे जवाब तलब किया है। इसी तरह नवादा जिले सहित अन्य जिलों में दर्जनों शिक्षक पोर्टल की तकनीकी खामियों का लाभ उठाते पाए गए। रोचक तथ्य यह है कि इन मामलों की जानकारी संबंधित प्रधानाध्यापकों और सहकर्मी शिक्षकों को भी थी, बावजूद इसके मैनुअल और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से उपस्थिति दर्ज की जाती रही।

इन शिक्षकों का भी फर्जीवाड़ा आया सामने

किशनगंज के ठाकुरगंज मध्य विद्यालय के शिक्षक कमरान, दरभंगा के बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक सतीश झा और सारण जिले के शिक्षक गोपाल ठाकुर के मामलों में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में पाया गया कि नवंबर माह में कई तिथियों पर एक ही फोटो को बार-बार अपलोड किया गया और कई दिनों में प्रस्थान की तस्वीर मौजूद नहीं थी।

तकनीकी खामियां दूर करने में जुटा विभाग

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही दोषी शिक्षकों और इसमें संलिप्त प्रधानाध्यापकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इन मामलों के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था और डिजिटल उपस्थिति प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।