Bihar Famer Digitalisation: बिहार चुनाव के पहले नीतीश कुमार का किसानों को तोहफा! देश का पहला डिजिटल कृषि निदेशालय किया स्थापित, मिलेगा बंपर फायदा, जानें

Bihar Famer Digitalisation:बिहार सरकार ने देश का पहला डिजिटल कृषि निदेशालय गठित किया है। किसानों को रियल टाइम योजनाओं का लाभ, डिजिटल क्रॉप सर्वे, मौसम आधारित सलाह और ड्रोन तकनीक से कृषि में मदद मिलेगी।

बिहार के कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल- फोटो : social media

Bihar Famer Digitalisation: बिहार ने कृषि क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए देश का पहला डिजिटल कृषि निदेशालय स्थापित किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कृषि रोडमैप के अंतर्गत यह कदम उठाया गया है।इस निदेशालय का उद्देश्य किसानों को रियल टाइम में योजनाओं का लाभ पहुंचाना आसान होगा। फसलवार और मौसमवार पूर्वानुमान उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। एकीकृत डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली विकसित करना आसान होगा। 

किसानों को मिलने वाले लाभ

डिजिटल कृषि निदेशालय किसानों को कई आधुनिक सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध कराएगा, जो इस प्रकार है।

डिजिटल क्रॉप सर्वे: हर मौसम में सटीक आंकड़े मिलेंगे, जिससे नीति निर्माण और संसाधन वितरण अधिक प्रभावी होगा।

डीबीटी (Direct Benefit Transfer): किसानों को आधार आधारित योजनाओं का लाभ सीधे बैंक खाते में मिलेगा।

डिजिटल मृदा हेल्थ कार्ड: मिट्टी की गुणवत्ता और पोषण संबंधी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।

ड्रोन तकनीक: पौधा संरक्षण और कीट प्रबंधन के लिए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सेवाएं: फसल अनुमान और कृषि सलाह के लिए।

मोबाइल एप और ई-गवर्नेंस टूल्स: किसानों और कृषि पदाधिकारियों दोनों के काम को आसान बनाएंगे।

डीबीटी पोर्टल से जुड़ाव

बिहार 2018 से किसानों को डीबीटी प्रणाली के तहत योजनाओं का लाभ दे रहा है।किसानों को अनुदान, डीजल सब्सिडी और आपदा की स्थिति में इनपुट अनुदान सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है।आज राज्य में 2 करोड़ से अधिक किसान (रैयत और गैर-रैयत दोनों) पंजीकृत हैं।यह देश का सबसे बड़ा डिजिटल किसान पंजीकरण है।कृषि डिजिटलीकरण में बिहार की अग्रणी भूमिका साबित होगी। यह पहल बिहार को कृषि डिजिटलीकरण में अग्रणी बनाएगी।डिजिटल कृषि निदेशालय का मुख्य उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के सभी डेटाबेस का एकीकरण है।

इसके लाभ:

किसानों को एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी सूचनाएं मिलेंगी।

फसल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी।

किसानों को मौसम आधारित सलाह, बाजार की जानकारी और संकट प्रबंधन में मदद मिलेगी।