Bihar Govt: बिहार कैबिनेट के बड़े फैसले! पंचायत लिपिक बहाली का ऐलान, 8093 लिपिकों की होगी बहाली, सीएसआर नीति और आवासीय विद्यालयों की मंजूरी

Bihar Govt: बिहार सरकार ने पंचायत स्तर पर लिपिक बहाली, सीएसआर फंड नीति, नए आवासीय विद्यालयों और सहकारिता महाविद्यालय की स्थापना सहित कई अहम फैसले लिए हैं। जानें सभी निर्णयों का पूरा विश्लेषण।

बिहार कैबिनेट के बड़े फैसले- फोटो : social media

Bihar Govt: बिहार सरकार ने पंचायती राज विभाग के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर लिपिकीय संवर्ग के 8093 पदों के लिए भर्ती नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का ग्रामीण प्रशासनिक व्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इसके तहत परिवीक्षा अवधि अब 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गई है।इंस्टीट्यूशनल ट्रेनिंग अब अनिवार्य होगी।85% पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।15% पद कार्यालय के परिचारी (विशिष्ट) को वरीयता के आधार पर बिना परीक्षा दिए दिए जाएंगे।अनुकंपा नियुक्ति के लिए आयोग की अनुशंसा आवश्यक नहीं होगी।अगर कोई न्यूनतम इंटरमीडिएट योग्यताधारी परिचारी नहीं है, तो वे पद भी सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।यह निर्णय सरल, पारदर्शी और न्यायसंगत भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

बिहार राज्य सीएसआर नीति 2025 और सोसाइटी का गठन

बिहार सरकार ने कंपनियों के कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड के बेहतर उपयोग और अनुश्रवण के लिए "बिहार राज्य सीएसआर नीति 2025" और एक नई सीएसआर सोसाइटी के गठन को स्वीकृति दी है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है।यह समिति तय करेगी कि किस योजना में कितना CSR फंड जाएगा।योजना का क्रियान्वयन मॉडल भी समिति तय करेगी।इससे निजी क्षेत्र की भागीदारी से स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है।यह कदम प्राइवेट और गवर्नेंस सिस्टम को जोड़ने का एक प्रभावी प्रयास है।

कुढ़नी और अधौरा में बनेगा डॉ. आंबेडकर आवासीय विद्यालय

एसटी आबादी वाले प्रखंडों में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कैबिनेट ने 720-बेड वाले आवासीय विद्यालयों को मंजूरी दी है।इसके लिए मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रस्तावित स्थान का चुनाव किया गया है। कैमूर के अधौरा प्रखंड (चैनपुर और कोल्हुआ) में डॉ. आंबेडकर आवासीय विद्यालय बनाने का प्रस्ताव है। इसकी लागत 65.80 करोड़ रुपये रखा गया है। भवन प्लस टू स्तर तक होगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, 5000 से अधिक एसटी आबादी वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह निर्णय सामाजिक न्याय और शिक्षा अधिकार की दिशा में राज्य सरकार का महत्वपूर्ण प्रयास है।

डोभी (गया) में खुलेगा सहकारिता महाविद्यालय और शोध संस्थान

बिहार सरकार ने गया जिले के डोभी प्रखंड में सहकारिता महाविद्यालय और प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी है।इसके लिए 10.31 एकड़ भूमि सहकारिता विभाग को हस्तांतरित किया गया है। स्थायी भवन के निर्माण तक किराए के भवन में संचालन जारी रहेगा। त्रिभुवन विश्वविद्यालय, गुजरात से मान्यता दिलाने के प्रयास किया जा रहा है। सहकारिता विभाग को संस्थागत शिक्षा और शोध के लिए सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।यह कदम कृषि-सहकारिता क्षेत्र को संस्थागत और व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में सराहनीय है।