BUDGET 2025 : बजट से बिहार फिर हुआ नाउम्मीद ! आंकड़ों से समझिये बजटीय घोषणाओं से हुई कितनी मेहरबानी, क्या बढ़ेगा रोजगार, लगेंगे उद्योग
बिहार को लेकर बजट में कई प्रकार की घोषणा होने की बातें कही गई हैं. लेकिन इन घोषणाओं से सच में बिहार के बड़े वर्ग को फायदा होगा. आईये आंकड़ों से समझें कि बजट में बिहार को कितना लाभ मिला.
BUDGET 2025 : बिहार पर मेहरबानी की खबरें पिछले 24 घंटे से जारी है. बजट में बिहार को लेकर कई किस्म की घोषणाएं हुई. लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या इस बार जो घोषणाएं बिहार के लिए हुई हैं उससे राज्य में द्योग, रोजगार और निवेश की दिशा में कोई बड़ा बदलाव आएगा. जानकारों की माने तो जो घोषणाएं हुई हैं वह इस दिशा में नहीं दिखती.
कृषि के लिए मखाना बोर्ड का गठन और पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की घोषणा भले ही की गई हो लेकिन इन दोनों का लाभ कितना मिलेगा यह कई सवालों को लिए है. इसका एक बड़ा कारण मखाना खेती करने वालों की बेहद कम संख्या है. वहीं पश्चिमी कोसी नहर परियोजना वर्ष 1962 से ही परिकल्पित हैं. इसी तरह आईआईटी पटना से जुडी घोषणा और ग्रीन फील्ड एअरपोर्ट है.
मखाना से जुड़े सिर्फ 25 हजार किसान
केंद्रीय बजट में बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की गई है. हालाँकि मखाना की खेती से जुड़े बिहार के किसानों की संख्या महज 25 हजार बताई जाती है. बिहार के मिथिला और सीमांचल करीब 10 जिलों में होती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने ही बताया है कि राज्य में मात्र 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर मखाना की खेती होती है जिससे मात्र 25 हजार के आसपास किसान जुड़े हैं. ऐसे में यह आंकड़ा काफी है यह बताने को कि मखाना बोर्ड से किसानों के छोटे से वर्ग को लाभ होगा. उसमें भी यह किस प्रकार से लाभ देगा इसकी विस्तृत रुपरेखा के बाद ही यह तय होगा.
1962 से लंबित कोसी नहर परियोजना
कोसी नहर परियोजना के तहत कोसी नदी पर पूर्वी और पश्चिमी तट पर दो नहर बनना था. यह 1962 की कोसी बहुद्देशीय परियोजना का ही अंग है. हालाँकि पिछले कई दशकों से यह लंबित है. ऐसे में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना उसी सपने को साकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है. इसका मकसद बिजली निर्माण, बेहतर सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण है. ऐसे में वर्ष 1962 से लंबित यह परियोजना अब किस रूप में साकार होगी यह भी बड़ा सवाल है क्योंकि परियोजन के लिए केंद्र कितना आर्थिक मदद देगी इसकी कोई घोषणा नहीं की गई है.
आईआईटी की सीटें होंगी दोगुनी
पटना आईआईटी के विस्तारीकरण को लेकर निर्मला सीतारमण ने जो घोषणा की है उससे बिहार के इस संस्थान में अब सीटों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. मौजूदा समय में पटना आईआईटी में 2883 सीटें हैं जो बढ़कर 5700 के करीब हो जाएँगी. हालाँकि आईआईटी में दाखिला का प्रावधान देश स्तर पर होने वाली परीक्षा के आधार पर तय मैरिट से होता है. तो सीटों के बढ़ने से सिर्फ बिहर के छात्रों को ही फायदा नहीं होगा बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर सभी राज्यों के छात्रों को बेहतर मौका देगा.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी कितना फायदेमंद
बिहार के लिए घोषित योजनाओं में सबसे अहम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना को माना जा रहा है. बिहार आज भी देश का प्रमुख कृषि आधारित राज्य है. ऐसे में इस संस्थान की स्थापना से खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में नए शोध, नई तकनीक और बाजार को आकर्षित करने में खास बदलाव संभव है.
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट
बजट में बिहार के लिए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्माण की घोषणा की गई है. लेकिन यह कहां बनेगा इसकी कोई घोषणा नहीं के गई है. दरअसल, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट उसे कहा जाता है जहां शुरुआत से पूरा काम किया जाता है. वहीं ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट वह होता है जिनका विस्तार किया जाता है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि बिहार में किस जगह ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा बनेगा. वहीं बजट में पटना और बिहटा एयरपोर्ट का विस्तार करने की बातें कही गई हैं जबकि इन दोनों एयरपोर्ट का विस्तारीकरण का काम अंतिम चरण में है.
रंजन की रिपोर्ट