Bihar NGO News: बिहार के NGO के लिए रेड अलर्ट! जल्द पूरा कर लें ये काम, वरना 31 मई तक रद्द हो जाएगा निबंधन
बिहार सरकार ने सभी निबंधित संस्थाओं और एनजीओ को 31 मई 2025 तक वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं करने पर रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। जानें पूरी जानकारी।

Bihar NGO News: बिहार सरकार के निबंधन विभाग ने राज्य के सभी निबंधित संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों (NGO) को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि अगर आप 31 मई 2025 तक अपनी वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड नहीं करते हैं तो आपका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। यह आदेश उन हजारों एनजीओ और संस्थाओं पर लागू होता है जिन्होंने पिछले पांच सालों से अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है।
ऑनलाइन प्रक्रिया अनिवार्य
निबंधन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि NGO की तरफ से पेश की जाने वाली अब कोई भी रिपोर्ट भौतिक रूप में स्वीकार नहीं की जाएगी। इन दस्तावेजों में वार्षिक रिपोर्ट,ऑडिट रिपोर्ट,प्रपत्र ‘ग’,विदेशी अंशदान (FCRA) की उपयोगिता रिपोर्ट शामिल हो। इन सभी को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही जमा करना होगा।
एनजीओ की पारदर्शिता और जवाबदेही
एनजीओ का उद्देश्य भले ही सामाजिक कल्याण हो, लेकिन नियमों की अनदेखी, वित्तीय पारदर्शिता की कमी और प्रचार की आड़ में फंड के दुरुपयोग की घटनाएं आम हो गई हैं। सरकार चाहती है किहर संस्था जवाबदेह और पारदर्शी ढंग से कार्य करे।विदेशी या निजी फंडिंग का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए।डाटा डिजिटली स्टोर हो, जिससे ट्रैकिंग आसान हो।
एनजीओ क्या होते हैं और क्यों जरूरी है उनकी निगरानी?
एनजीओ (NGO – Non-Governmental Organization) वह संगठन होते हैं जो समाज के लिए काम करते हैं। यह अक्सर शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण संरक्षण,महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के क्षेत्र में काम करते हैं। यहसरकार से स्वतंत्र होते हैं लेकिन सरकारी नियमों के अंतर्गत पंजीकृत होते हैं।
एनजीओ की निगरानी क्यों जरूरी है?
एनजीओ की निगरानी इसलिए जरूरी है ताकि फंड का गलत इस्तेमाल न हो। सरकार और नागरिकों को पता रहे कि कौन-सी संस्था किस क्षेत्र में क्या कर रही है। फर्जी या निष्क्रिय संस्थाओं को हटाया जा सके।