Bihar SIR: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025, 99.8% मतदाता कवर, 65 लाख नाम हटाने की तैयारी

Bihar SIR: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के अंतर्गत 99.8% मतदाताओं को कवर कर लिया गया है। जानें कितने नाम कटेंगे और क्या है आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया।

बिहार में चल रहा विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान- फोटो : social media

Bihar SIR: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान राज्य में निष्पक्ष और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 27 जुलाई 2025 को आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान के पहले चरण में 7.24 करोड़ मतदाताओं से गणना फॉर्म प्राप्त किए जा चुके हैं, जो कुल संभावित मतदाताओं का 91.69% है।

इस व्यापक कवरेज के बावजूद, अभियान ने कई गंभीर वास्तविकताओं को उजागर किया है। इनमें 22 लाख मृत मतदाताओं, 36 लाख प्रवासी या पता रहित लोग, और 7 लाख से अधिक डुप्लिकेट नाम शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि मतदाता सूची को सुधारने की तत्काल आवश्यकता है।इस प्रक्रिया में एक और आश्चर्यजनक आंकड़ा यह है कि करीब 1.2 लाख मतदाताओं के फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं, जिससे संभावित गड़बड़ी और दावे-आपत्ति की संभावना बनी हुई है।

65 लाख नाम हटाने की संभावित योजना और कारण

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर करीब 65 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाया जा सकता है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं:

स्थायी पलायन: ऐसे मतदाता जो अपने मूल पते से किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित हो चुके हैं।

मृत व्यक्ति: जिनकी मृत्यु की सूचना प्राप्त हो चुकी है।

डुप्लिकेट नामांकन: एक व्यक्ति का एक से अधिक स्थानों पर नाम पाया जाना।

गणना फॉर्म जमा न करना: ऐसे मतदाता जिन्होंने निर्धारित समय सीमा में अपना फॉर्म नहीं भरा।

हालांकि यह संख्या अंतिम नहीं है, आयोग ने यह संकेत दिया है कि यह आंकड़ा 1 अगस्त से पहले पुनः सत्यापन के बाद संशोधित हो सकता है।

ड्राफ्ट सूची और आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया

चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त से एक महीने की अवधि यानी 1 सितंबर 2025 तक नागरिकों को यह अवसर दिया जाएगा कि वे अपने नाम की अनुपस्थिति पर दावा (Claim) प्रस्तुत करें।गलत तरीके से हटाए गए नाम पर आपत्ति (Objection) दर्ज करें। इसका स्पष्ट मतलब है कि ड्राफ्ट सूची अंतिम सूची नहीं है और इसमें संशोधन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से खुली है। आयोग ने राजनीतिक दलों को भी इसके लिए तैयार रहने और 1.6 लाख बीएलए (Booth Level Agents) को सक्रिय रूप से शामिल करने की सलाह दी है।