बिहार में आवारा कुत्तों के आतंक से मिलेगी मुक्ति, जिला परिषदों में बनेंगे 'डॉग पाउंड्स'

ihar News: लावारिस कुत्तों को आश्रय प्रदान करने के लिए जिला परिषदों द्वारा डॉग पाउंड्स बनाए जाएंगे. जिला परिषद की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे. व्यापक प्रचार-प्रसार होगा.

बिहार में लावारिस कुत्तों के बढ़ते आतंक को समाप्त करने के लिए नीतीश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों को आश्रय देने के लिए जिला परिषदों द्वारा विशेष 'डॉग पाउंड्स' (Dog Pounds) बनाए जाएंगे। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार ने सभी उप विकास आयुक्तों (DDC) को पत्र लिखकर जल्द से जल्द उपयुक्त भूमि चिह्नित करने का निर्देश दिया है। बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को जारी विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार, इन केंद्रों का निर्माण जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा तैयार डिजाइन और प्राक्कलन के आधार पर किया जाएगा।


बजट और प्रशासनिक व्यवस्था 

इन डॉग पाउंड्स के निर्माण और संचालन के लिए वित्तीय व्यवस्था 'षष्टम राज्य वित्त आयोग' की सामान्य निधि से की जाएगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए त्रिस्तरीय प्रशासनिक ढांचा तैयार किया गया है, जिसमें जिला स्तर पर जिला पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड स्तर पर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी और ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इन केंद्रों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों से पकड़े गए कुत्तों को रखने और उनकी देखभाल की व्यवस्था होगी, जिससे आम जनता को सड़क पर होने वाले हमलों से सुरक्षित रखा जा सके।


जन-जागरूकता और कचरा प्रबंधन पर जोर 

कुत्तों के आतंक को कम करने के लिए सरकार ने जन-भागीदारी को भी महत्वपूर्ण माना है। विभाग के सचिव ने बताया कि इसके लिए वार्ड सभा और ग्राम सभा की बैठकों में विशेष चर्चा की जाएगी और लोगों को जागरूक करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे शादी-ब्याह या सार्वजनिक आयोजनों के बाद बचा हुआ भोजन खुले में न फेंकें, क्योंकि इससे लावारिस कुत्तों का जमावड़ा बढ़ता है। इसके साथ ही कचरे के निष्पादन के लिए भी प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं ताकि सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता बनी रहे और कुत्तों के हिंसक व्यवहार पर नियंत्रण पाया जा सके।