नीतीश कुमार के नकाब खींचने के विवाद के बीच जदयू का पलटवार! अल्पसंख्यक निश्चिंत हैं, मुस्लिम से भेदभाव नहीं
जदयू ने अपने पोस्ट में लिखा है कि “नीतीश जी ने न्याय के साथ विकास की यात्रा में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए विभाग का बजट काफी बढ़ाया गया।
Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े हिजाब विवाद के बाद जनता दल (यूनाइटेड) ने गुरुवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट साझा कर विपक्ष और आलोचकों को जवाब दिया है। जदयू ने पोस्ट के जरिए दावा किया है कि नीतीश सरकार में अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित और निश्चिंत हैं तथा उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है।
दरअसल, हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला चिकित्सक का नकाब (हिजाब) हटाने की घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने इसे महिला की गरिमा के खिलाफ बताते हुए मुस्लिम समुदाय का अपमान करार दिया था। विवाद बढ़ने के बाद यह भी खबर सामने आई कि संबंधित महिला चिकित्सक ने बिहार सरकार की नौकरी जॉइन नहीं करने और राज्य छोड़ने का फैसला किया है। वह अपने परिवार के पास कोलकाता चली गई है।
इन आरोपों के जवाब में जदयू ने अपने पोस्ट में लिखा है कि “नीतीश जी ने न्याय के साथ विकास की यात्रा में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। अल्पसंख्यक समाज के विकास के लिए विभाग का बजट काफी बढ़ाया गया। कब्रिस्तानों की पहली बार घेराबंदी कराई गई। मदरसों और मदरसा शिक्षकों की सुविधाएं पहली बार बढ़ीं। नीतीश सरकार में अल्पसंख्यक सुरक्षित और निश्चिंत हैं।”
जदयू का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूरा राजनीतिक सफर सामाजिक न्याय और समावेशी विकास पर आधारित रहा है और अल्पसंख्यकों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले उनकी सरकार के कार्यकाल में लिए गए हैं।
हालांकि, हिजाब विवाद और महिला चिकित्सक के नौकरी छोड़ने के फैसले ने इस मुद्दे को और संवेदनशील बना दिया है। इस पर सियासी घमासान जारी है और विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री के आचरण पर सवाल उठा रहा है, जबकि जदयू इसे दुर्भावनापूर्ण आरोप करार दे रहा है।