Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण को लेकर बड़ा फैसला! BLO की मदद में  नगर निगम कर्मियों को भी दी गई ये नई जिम्मेदारी

Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य के दौरान बीएलओ की समस्याओं के बीच नगर निगम कर्मियों को लगाया गया है। जानिए भारत निर्वाचन आयोग की नई रणनीति और अब तक हुई प्रगति।

बिहार में मतदाता सूची को लेकर जारी काम- फोटो : social media

Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य पूरे ज़ोर-शोर से चल रहा है, लेकिन शहरों में यह प्रक्रिया शुरू से ही चुनौतियों से जूझ रही थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, "शुद्ध निर्वाचक नामावली लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए अनिवार्य है।" इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है—नगर आयुक्तों को अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में नामित किया गया है और उनके अंतर्गत निगम कर्मचारियों को बीएलओ की सहायता के लिए मैदान में उतारा गया है।

शहरी क्षेत्रों के बीएलओ, जिनका काम मतदाताओं तक फॉर्म पहुँचाना और भरवाना था, वे शिकायत कर रहे थे कि उन्हें मतदाताओं के सही पते नहीं दिए गए। गणना प्रपत्रों पर पते रिक्त होने से बीएलओ को मतदाताओं के घर खोजने में समस्या हो रही थी। ऐसे में निगमकर्मी, जिनकी पहुँच हर घर तक है, बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

बीएलओ की असफलता और निगमकर्मियों की भूमिका

बिहार के पटना जिले की बात करें तो यहां के शहरी क्षेत्रों दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार और पटना साहिब में 1550 मतदान केंद्रों पर लगभग 18 लाख मतदाता हैं। लेकिन अब तक केवल 7 लाख मतदाताओं ने ही गणना प्रपत्र जमा किया है, जिनमें शहरी क्षेत्र की भागीदारी काफी कम रही है।स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों ने सफाई पर्यवेक्षकों को फॉर्म वितरित करना शुरू कर दिया है। यह कार्य प्रणाली पहले की तुलना में अधिक प्रभावी सिद्ध हो रही है। सफाई पर्यवेक्षक, जो पहले शहर की स्वच्छता व्यवस्था में संलग्न थे, अब नागरिकों के दरवाजे पर दस्तक देकर निर्वाचन लोकतंत्र की स्वच्छता में योगदान दे रहे हैं।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े क्या कहते हैं?

बिहार में मतदाताओं की कुल संख्या करीब 7.90 करोड़ है। निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक 3.70 करोड़ गणना प्रपत्र जमा किए जा चुके हैं, जो कुल का 46.95% है।भारत निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसारअब तक 7.90 करोड़ प्रपत्र छापे गए हैं। इनमें से 97% से अधिक वितरित किए जा चुके हैं (7,70,44,990 फॉर्म)। बीते 24 घंटे में 82,78,616 फॉर्म जमा हुए। यानी कुल मतदाताओं का 10.5% सिर्फ एक दिन में जुड़ गया। 18.16% मतदाताओं ने फॉर्म ईसीआई नेट पर अपलोड किया है। अगर यह गति बनी रही तो आयोग का अनुमान है कि यह कार्य निर्धारित समय-सीमा से पहले ही पूरा हो सकता है।

इतने लोग कर रहे हैं सहयोग

इस व्यापक अभियान को सफल बनाने में बड़ी संख्या में लोग लगे हैं, जिसमें 98,498 बीएलओ,4 लाख स्वयंसेवक,963 एईआरओ,38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी,243 विधानसभा क्षेत्रों के ईआरओ और सबसे अहम, 1,56,626 राजनीतिक दलों की तरफ से नियुक्त प्रतिनिधि भी शामिल है।यह राष्ट्रीय स्तर पर एक समन्वित अभियान है जहां डिजिटल और भौतिक दोनों माध्यमों से मतदाता जानकारी जुटाई जा रही है।