पटना-बेतिया से जमुई तक आज आंधी-तूफान के साथ बारिश मचाएगी तांडव, बिहार में आसमान से बरसेगा आफत का पानी, आईएमडी के अलर्ट पर ये जिले
आज हालात और बिगड़ने वाले हैं। पश्चिम चंपारण से लेकर जमुई तक भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी हो चुकी है।कई इलाक़ों में हालात ऐसे हैं कि लोग चाहकर भी घर की चौखट पार नहीं कर पा रहे।....
Bihar Weather: बिहार वक़्त मानसून की मार झेल रहा है। आसमान से बरसती बूंदें अब राहत नहीं, बल्कि आफ़त का सबब बनती नज़र आ रही हैं। बिहार मौसम सेवा केंद्र की ताज़ा रिपोर्ट ने बिहारियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। अगले चार दिनों तक प्रदेश के अधिकांश इलाक़ों में गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश, आंधी-तूफ़ान और ठनका गिरने की संभावना जताई गई है।
16 से 19 सितंबर तक मौसम का मिज़ाज बेहद ख़तरनाक रहेगा। सोमवार से ही आसमान ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। पटना, मुज़फ़्फरपुर, समस्तीपुर, अगवानपुर समेत कई ज़िलों में सुबह से ही झमाझम बारिश रिकॉर्ड की गई। मंगलवार यानी आज हालात और बिगड़ने वाले हैं। पश्चिम चंपारण से लेकर जमुई तक भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी हो चुकी है।
कई इलाक़ों में हालात ऐसे हैं कि लोग चाहकर भी घर की चौखट पार नहीं कर पा रहे। सड़कों पर पानी का सैलाब, गलियों में कीचड़ और बिजली गिरने के अंदेशे ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज में अति भारी बारिश होगी, जबकि सीवान, सारण, समस्तीपुर, बेगूसराय, जमुई और किशनगंज में भारी बारिश से हालात बिगड़ सकते हैं।
राजधानी पटना और गया समेत कई जिलों में रुक-रुककर झमाझम बारिश जारी रहेगी। इसके लिए IMD ने ऑरेंज अलर्ट घोषित कर दिया है। लोगों से अपील की गई है कि गरज-चमक और वज्रपात से बचाव करें और अनावश्यक बाहर न निकलें।
मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक किशनगंज, अररिया, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, वैशाली, सारण, समस्तीपुर और खगड़िया में भारी वर्षा होगी। उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्सों और दक्षिण बिहार के चुनिंदा इलाक़ों में भी वज्रपात और मूसलधार बारिश की संभावना है।
बिहार की ज़मीन पर इस वक़्त आसमान का विकलांग रूप उतर आया है। कहीं खेत डूब रहे हैं, कहीं शहर जलमग्न हो रहे हैं और कहीं गाँवों में लोग टॉर्च की रोशनी में डर-डर कर रात गुज़ार रहे हैं। एक तरफ़ किसान के लिए यह बारिश वरदान है, तो दूसरी ओर बिजली और बाढ़ का ख़तरा इसे अभिशाप बना देता है।
ऐसे में सरकार से लेकर प्रशासन तक सभी सतर्क मोड में हैं। मगर सवाल यही है कि जब बादल कहर बरपाने पर उतर आते हैं, तो इंसानी ताक़त कितनी देर तक उसका मुक़ाबला कर पाएगी?