EX PM Chandrashekar Birth Anniversary : जब लालू ने चंद्रशेखर को लगाया फोन, कहा-'बाबू साहेब', अब आप ही कुछ कीजिये.....और बन गए बिहार के सीएम
EX PM Chandrashekar Birth Anniversary : युवा तुर्क कहे जानेवाले भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री की जिंदगी से जुडी कहानियां हैं. लालू यादव ने भी उनसे मदद मांगी और बिहार में मुख्यमंत्री की गद्दी तक पहुँच सके......पढ़िए आगे

N4N DESK : भारत के युवा तुर्क कहे जाने वाले जानेवाले चन्द्रशेखर की आज जयंती है। आज ही के दिन बलिया के इब्राहिमपट्टी में 1927 में उनका जन्म हुआ था। चद्रशेखर के व्यक्तित्व और कृतित्व की कई कहानियाँ हैं, जिसकी चर्चा आज भी की जाती है। एक ऐसा नेता जो बना तो सीधे देश का प्रधानमन्त्री बना। प्रधानमन्त्री बनने के बाद भी झारखण्ड के चर्चित सूरजदेव सिंह को अपना बेहिचक अपना दोस्त बताते थे। अपनी मिटटी से लगाव ऐसा की अंतिम बार जब 2006 में बलिया आये तो स्टेशन पर जुटी भीड़ को देखकर फफक-फफक कर रो पड़े।
देश की राजधानी में अपनी धाक जमा चुके चंद्रशेखर का बिहार की राजनीती में भी अहम् योगदान था। बात 1990 की है। जब जनता दल सबसे अधिक सीटें जीतकर आई थी। वाम दलों और झामुमो ने जनता दल के समर्थन का वादा किया था। लेकिन सवाल यह था की बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा। एक तरफ लालू यादव ने दावा किया तो दूसरी तरफ रामसुंदर दास भी कमर कस चुके थे। तय था की जिसको विधायक दल का नेता चुना जायेगा। वहीँ बिहार की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होगा।
हालाँकि इसमें लालू यादव का पलड़ा हल्का पड़ रहा था। ऐसे में लालू को चंद्रशेखर में उम्मीद की एक किरण नजर आई। उन्होंने चंद्रशेखर फोन किया और कहा-बाबू साहेब आपने कुछ नहीं किया तो वीपी सिंह का आदमी बिहार की गद्दी पर बैठ जायेगा। इसके बाद चंद्रशेखर ने अपने चहेते रघुनाथ झा को फोन किया। जिसके बाद रघुनाथ झा की विधायक दल के नेता बनने के लिए इंट्री हो गयी। गंगा के किनारे ब्रज किशोर खचाखच भरा रहा। वोटिंग के बाद जब पर्ची निकाली गयी तो रघुनाथ झा को महज 12 वोट मिले, रामसुंदर दास को 56 और लालू को 59 वोट मिले। इस तरह चंद्रशेखर के चहेते ने लालू को बिहार की गद्दी तक पहुँचने का रास्ता साफ़ कर दिया।