MLA Horse Trading Case: बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में EOU के हाथ लगा बड़ा सबूत, इनके बयानों से आया नया मोड़, फिर तलब होंगे कई MLA
MLA Horse Trading Case: बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में ईओयू ने तैयारी तेज कर दी है। पूछताछ में ईओयू को विधायकों और उनके बॉडीगार्ड के बयानों में अंतर मिला है..पढ़िए आगे
MLA Horse Trading Case: बिहार की सियासत में जनवरी 2024 में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे कहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचनाक महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए। बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनी। जिसके बाद 12 फरवरी को नीतीश सरकार ने अपना विश्वासमत पेश किया। फ्लोर टेस्ट के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त का मालमा सामने आया। इस मामले में केस दर्ज हुआ और अब आर्थिक अपराध इकाई इस मामले में जांच तेज कर दी है।
ईओयू की जांच तेज
ईओयू लगातार इस मामले में विधायकों और उनके बॉडीगाडों से पूछताछ कर रही है। इस सिलसिले में हाल ही में कई मौजूदा और पूर्व विधायकों से पूछताछ हो चुकी है। सोमवार को रामनगर की भाजपा विधायक भागीरथी देवी से ईओयू ने पूछताछ की, जबकि बुधवार को सुरसंड से जदयू विधायक दिलीप राय से पूछताछ हुई। इससे पहले भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव, परबत्ता विधायक डॉ. संजीव और पूर्व विधायक बीमा भारती से भी पूछताछ की जा चुकी है। साथ ही, विधायकों के अंगरक्षकों से भी अलग से बयान दर्ज किए गए हैं।
विधायक और बॉडीगार्ड के बयान में अतंर
सूत्रों के अनुसार, अब तक हुई पूछताछ में विधायकों और उनके अंगरक्षकों के बयानों में कई विरोधाभास सामने आए हैं। विश्वासमत के दौरान विधायकों की गतिविधियों और लोकेशन संबंधी जानकारी में अंतर पाया गया है।
मोबाइल फोन ऑफ मिलने पर संदेह
जांच में यह भी सामने आया है कि उस दौरान कई विधायकों के मोबाइल फोन बंद पाए गए थे। वे फोन क्यों बंद थे, विधायक बिना अंगरक्षक कहां और क्यों गए थे इन सवालों के स्पष्ट जवाब अभी तक ईओयू को नहीं मिल पाए हैं।
ईओयू फिर करेगी पूछताछ
अभी कई अंगरक्षकों के बयान दर्ज होना बाकी है। सूत्रों का कहना है कि अंगरक्षकों से पूछताछ पूरी होने के बाद कुछ विधायकों को दोबारा तलब किया जा सकता है। इस मामले में मुख्य अभियुक्त इंजीनियर सुनील से भी दो बार पूछताछ की जा चुकी है। गौरतलब है कि मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने फरवरी 2024 में पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि महागठबंधन के पक्ष में आने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिया गया था।