Bihar Vidhansabha Chunav 2025: 'विकास की रफ्तार पकड़ चुका बिहार…फिर से एनडीए सरकार' , विधानसभा चुनाव में धूम मचाने के लिए NDA का नया नारा
एनडीए ने अपने चुनावी रणभूमि के लिए नया नारा तैयार किया है – “विकास की रफ्तार पकड़ चुका बिहार…फिर से एनडीए सरकार”। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि यह टैगलाइन आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर तक सार्वजनिक की जाएगी...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की राजनीति में हलचल अब चरम पर पहुँच चुकी है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपने-अपने खेमों को मजबूत करने और वोट बैंक को अपने खाते में करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। इसी बीच एनडीए ने अपने चुनावी रणभूमि के लिए नया नारा तैयार किया है – “विकास की रफ्तार पकड़ चुका बिहार…फिर से एनडीए सरकार”। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि यह टैगलाइन आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर तक सार्वजनिक की जाएगी, मगर इसके पीछे की रणनीति और मंशा पहले ही साफ दिखाई दे रही है।
बिहार बीजेपी के नेताओं, खासकर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे प्रचारित करना शुरू कर दिया है। यह नारा एनडीए के शासनकाल में सूबे के बुनियादी ढांचे, सड़क, शिक्षा, सुशासन, रोजगार और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में हुए बदलावों को जनता के बीच उजागर करने का साधन है।
चुनावी रणनीति के तहत एनडीए ने 245 एलईडी रथों का विशेष जत्था तैयार किया है, जो राज्य भर के गांव-गांव में पहुंच कर सरकार की उपलब्धियों और वायदों का प्रचार करेंगे। इन हाईटेक रथों को किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री द्वारा झंडी दिखाकर सभी विधानसभा क्षेत्रों में रवाना किया जाएगा। रथों में ऑडियो-वीज़ुअल माध्यमों के जरिए एनडीए सरकार की योजनाओं जैसे 125 यूनिट फ्री बिजली, बुजुर्गों और महिलाओं की पेंशन दोगुनी, आंगनबाड़ी कर्मियों का बढ़ा हुआ मानदेय, और महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये जैसे लोकलुभावन वादे घर-घर पहुंचाए जाएंगे।
बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा, “बिहार ने विकास की रफ्तार पकड़ ली है इसलिए फिर एनडीए की सरकार आ रही है। चुनाव प्रचार के लिए रथों में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर प्रदेश के नागरिकों तक विकास की कहानी पहुंचाई जाएगी।” सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में 16 लाख श्रमिकों के खातों में 5,000 रुपये ट्रांसफर किए, और युवाओं के लिए 1 करोड़ रोजगार, स्नातकों के लिए 1,000 रुपये भत्ता तथा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड ब्याज मुक्त करने जैसी योजनाओं का ऐलान किया है।
एनडीए की यह रणनीति साफ दर्शाती है कि विकास को अब चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं, जेडीयू ने फिलहाल इस नारे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। पिछले चुनावों में जेडीयू हमेशा अपने प्रचार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से जोड़ती रही है। 2020 में उनका नारा था – “क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार”, जबकि 2015 में – “बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है।”
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए के नए नारे पर जेडीयू की क्या प्रतिक्रिया आती है। क्या यह नारा सिर्फ भविष्य की राजनीति की रणनीति है या किसी राजनीतिक दल का परीक्षण? चुनावी रणभूमि में यह सवाल सबके लिए उत्सुकता का विषय बन चुका है।