बिहार चुनाव: कांग्रेस में 'वंशवाद की डिमांड' हाईकमान ने रोकी, नेता पुत्र-पुत्रियों की लॉन्चिंग अटकी
कांग्रेस के आधा दर्जन नेता अपने बेटे-बेटियों की लॉन्चिंग की तैयारी में हैं. उनको उम्मीद थी कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उनके नामों पर मुहर लग जाएगी, लेकिन समिति ने फिलहाल ऐसे सभी नामों पर चर्चा करने के बाद होल्ड पर रखकर नेताओं की नींद उड़ा दी
N4N डेस्क:बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तक तय नहीं हुआ है। इस बीच, बिहार कांग्रेस में एक नया आंतरिक संघर्ष उभर आया है, जहाँ आधा दर्जन वरिष्ठ नेता अपने बेटों और बेटियों को चुनावी राजनीति में लॉन्च करने की ज़ोरदार तैयारी में थे। हालांकि, पार्टी हाईकमान ने फिलहाल ऐसे सभी नामों को 'होल्ड' पर रखकर नेताओं की नींद उड़ा दी है।
स्क्रीनिंग कमेटी ने पैनल भेजा, सिंगल नाम खारिज
बिहार कांग्रेस नेताओं को उम्मीद थी कि केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में उनके बच्चों के नाम पर मुहर लग जाएगी। दिल्ली में अजय माकन की अध्यक्षता में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में कई नेताओं ने अपने बच्चों को टिकट दिलाने की मंशा ज़ाहिर की।
नेताओं को उम्मीद थी कि उनके बच्चों का सिंगल नाम CEC को भेजा जाएगा। लेकिन, स्क्रीनिंग कमेटी ने इन सीटों पर सिंगल नाम के बजाय दो या तीन उम्मीदवारों का पैनल भेज दिया, जिसके चलते CEC ने फिलहाल इन नामों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
टिकट की मांग करने वाले प्रमुख नेता
लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं ने एक-दूसरे के बच्चों को टिकट देने की चाहत का समर्थन भी किया। प्रमुख दावेदार और उनकी पृष्ठभूमि इस प्रकार है:
नेता का नाम | पद/पहचान | किसके लिए टिकट की मांग |
अखिलेश प्रसाद सिंह | वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद | अपने बेटे के लिए |
मदन मोहन झा | बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष | अपने बेटे को चुनावी राजनीति में लॉन्च करने के लिए |
मीरा कुमार | पूर्व लोकसभा स्पीकर | लोकसभा चुनाव हार चुके अपने बेटे को 'रिलॉन्च' करने के लिए |
शकील अहमद | पूर्व केंद्रीय मंत्री | विदेश से बुलाए गए अपने बेटे को राजनीतिक विरासत सौंपने के लिए |
अवधेश सिंह | वरिष्ठ नेता, 6 बार के विधायक | अपनी जगह अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए |
अजीत शर्मा | विधायक | अपनी अभिनेत्री बेटी नेहा शर्मा को सियासत में लॉन्च करने के लिए |