Bihar Congress:पटना में कांग्रेस की बड़ी बैठक, वोट चोर, गद्दी छोड़ महारैली की रणनीति पर जोर, प्रदेश भर में जन-आंदोलन को व्यापक बनाने की तैयारी पर होगी चर्चा

बिहार कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक और रणनीतिक बैठक आयोजित की गई। यह बैठक राज्य कमेटी की चुनाव के बाद पहली बड़ी बैठक मानी जा रही है।

पटना में कांग्रेस की बड़ी बैठक- फोटो : social Media

Bihar Congress: पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में बिहार कांग्रेस कमेटी की ऐतिहासिक और रणनीतिक बैठक का आयोजन किया गया, जिसे राज्य कमेटी की चुनावी हार के पश्चात पहली बड़ी राजनीतिक महफ़िल के रूप में देखा जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता बिहार कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजेश राम ने की, जिनके नेतृत्व में प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, मोर्चा प्रमुख, फ्रंटल और संगठन प्रमुखों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। बैठक का मुख्य मक़सद चुनाव में मिली हार का गहन विश्लेषण करना और आगामी रणनीति का खाका तैयार करना था। इस संदर्भ में सबसे अहम एजेंडा ‘वोट चोर, गद्दी छोड़ महारैली’ है, जो 14 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में आयोजित होने जा रही है।

बैठक में उपस्थित नेताओं और प्रमुखों ने अपनी बेबाक राय रखी और चुनाव परिणामों का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत किया। कांग्रेस पार्टी की योजना है कि यह महारैली केवल रैली नहीं, बल्कि व्यापक जन-आंदोलन का रूप ले और पूरे प्रदेश में पार्टी की संगठित ताकत और संदेश को प्रभावी ढंग से आमजन तक पहुँचाए। प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने पहले ही सभी जिलाध्यक्षों और मोर्चा संगठनों को दिशा निर्देश दिए थे कि महारैली को सफल बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान, पोस्टर अभियान, सोशल मीडिया सक्रियता, जन-संपर्क अभियान और सामूहिक बैठकों को प्राथमिकता दी जाए।

बैठक में आगामी कार्यक्रमों, रणनीतियों और योजनाओं पर विशेष चर्चा हुई ताकि पार्टी के सभी संगठनात्मक विभाग एक पटल पर काम करें और सक्रियता सुनिश्चित हो। सभी जिलों से नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय को भेजी जाएंगी, जिससे केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष हर स्तर की गतिविधियों पर निगाह रख सकें। यह बैठक भाजपा और NDA के खिलाफ जन-आंदोलन की ताकत बढ़ाने और पार्टी की राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने की दृष्टि से रणनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है।

कुल मिलाकर, पटना की यह बैठक कांग्रेस के लिए संगठित वापसी का प्रतीक है, जहाँ से आगामी नीतियों, रैलियों और जन-आंदोलन की दिशा तय होगी। यह महफ़िल केवल संगठनात्मक बैठक नहीं, बल्कि जन-जन तक पार्टी के संदेश को पहुँचाने और लोकतांत्रिक ताकत को सशक्त बनाने का अवसर भी बनेगी। इस प्रकार, ‘वोट चोर, गद्दी छोड़ महारैली’ की तैयारी न केवल राजनीतिक संदेश को बल देगी, बल्कि पार्टी की अखंडता और जनसंपर्क की रणनीति को भी मज़बूती प्रदान करेगी।