Bihar News: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, गबन करने वालों का भी होगा 'एनकाउंटर'! नीतीश सरकार को अपराध नियत्रंण पर बिहार के पूर्व DGP का फॉर्मूला

पूर्व डीजीपी अभयानंद ने अपनी चिंता इसलिए भी जाहिर की है क्योंकि बिहार की छवि देशभर में एक "पिछड़े राज्य" के रूप में बनी है, जिससे निवेश और पर्यटन दोनों प्रभावित हुए हैं।

Former DGP Abhyanand- फोटो : news4nation

Former DGP Abhyanand: बिहार, जो कभी ज्ञान, संस्कृति और शासन व्यवस्था का केंद्र रहा, आज भ्रष्टाचार की वजह से बदनामी और पिछड़ेपन का शिकार है। प्रशासन से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और न्याय व्यवस्था तक—हर स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार ने राज्य की विकास यात्रा को अवरुद्ध कर दिया है। योजनाएं बनती हैं, बजट आते हैं, लेकिन कई ऐसे मामले उजागर होते हैं जिसमें अधिकतर लाभ सत्ताधारी तंत्र और बिचौलियों के पास पहुंचता है, आम जनता तक उसका लाभ नहीं पहुंचता।


भ्रष्टाचार के कारण बिहार की हो रही इस बदनामी और बढ़ते पिछड़ापन पर गंभीर चिंता जताते हुए बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने शुक्रवार को एक बड़ा सवाल उठाया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि 'चोरी, लूट, डकैती, अपहरण, बलात्कार, हत्या। सभी अपराध हैं। क्या घूस, गबन, भ्रष्टाचार भी अपराध हैं? अगर पहली सूची वाले अपराध का उत्तर "एनकाउंटर" है, तो क्या दूसरी सूची का भी उत्तर यही है?' एक तरह से उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार को एक फॉर्मूला भी दिया है कि राज्य में भ्रष्टाचार भी अपराध है और इसके खिलाफ अन्य अपराधों की तरह ही सख्ती दिखानी चाहिए. 


भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा बिहार 

दरअसल, बिहार में हालिया वर्षों में उजागर कई मामलों से भ्रष्टाचार ने युवाओं का भरोसा तोड़ा है। योग्य अभ्यर्थी दर-दर भटकते हैं जबकि पैसे और सिफारिश वालों को नौकरी मिल जाती है। इससे प्रतिभा का पलायन बढ़ा है और राज्य आत्मनिर्भरता की राह से दूर होता गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाएं भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। पिछले महीने में कैग ने अपनी रिपोर्ट में करीब 71 हजार करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने पर नीतीश सरकार की खिंचाई की. इसे विपक्ष की ओर से नीतीश सरकार में हुए बड़ा भ्रष्टाचार बताया जा रहा है. 


अभयानंद ने जताई गंभीर चिंता

पूर्व डीजीपी अभयानंद ने अपनी चिंता इसलिए भी जाहिर की है क्योंकि बिहार की छवि देशभर में एक "पिछड़े राज्य" के रूप में बनी है, जिससे निवेश और पर्यटन दोनों प्रभावित हुए हैं। यदि बिहार को फिर से गौरवशाली बनाना है, तो हर नागरिक को ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए आवाज़ उठानी होगी। भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाए बिना प्रगति संभव नहीं। अब वक्त है कि हम सब मिलकर बदलाव की शुरुआत करें। इसी पर पूर्व डीजीपी ने भ्रष्टाचार करने वालों को एनकाउंटर करने की बातें की हैं। 


कौन हैं अभयानंद 

अभयानंद 1977 के बिहार कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. 2011 में बिहार के डीजीपी बने थे. उन्होंने 31 अगस्त 2011 को राज्य के 48वें डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला।  उन्होंने 2011 से 2014 तक बिहार के डीजीपी के रूप में कार्य किया। अभयानंद को भारत के बिहार में अपराधियों की त्वरित सुनवाई और सज़ा दिलाने के पीछे का दिमाग़ माना जाता है। अगस्त 2022 में, अभयानंद ने अपनी आत्मकथा अनबाउंडेड: माई एक्सपेरिमेंट्स विद लॉ, फिजिक्स, पुलिसिंग एंड सुपर 30 शीर्षक से लिखी।