Bihar News: बिहार में देश का पहला रिसर्च सेंटर खुलेगा,अब तक पूरे विश्व में सिर्फ 4,किसानों के लिए साबित होगा वरदान
Bihar News: बिहार को बड़ी सौगात मिली है। प्रदेश में देश का पहला और ऐसा रिसर्च सेंटर खुलेगा जो अब तक पूरे विश्व में सिर्फ 4 देशों में हैं। 5वां भारत में बनने जा रहा है। जिसके लिए बिहार के समस्तीपुर को चुना गया है।
Bihar News: भारत का पहला और विश्व का पांचवां अंतरराष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र समस्तीपुर के पूसा में खुलने जा रहा है। बिहार बजट में की गई घोषणा के अनुरूप डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा स्थित ईख अनुसंधान केंद्र ने इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट गन्ना उद्योग विभाग को सौंप दी है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मिलेगा दर्जा
इसे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा भी दिया जाएगा। जहां गन्ना किसानों को उन्नत तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और नवीनतम शोध की जानकारी मिल सकेगी। इस परियोजना को लेकर विभागीय स्तर पर पहली बैठक भी पूरी हो चुकी है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह केंद्र न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के गन्ना किसानों को लाभान्वित करेगा। यहां विश्व स्तरीय अनुसंधान होगा और विश्वभर के किसान प्रशिक्षण लेने भी आएंगे।
दुनिया के चुनिंदा देशों में ऐसे केंद्र
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक केवल चार देशों में गन्ना अनुसंधान के ऐसे केंद्र हैं। दक्षिण अफ्रीका के एसएएसआरआई, चीन के गुआंगजी गन्ना उद्योग अनुसंधान संस्थान, तंजानिया के किबाहा गन्ना अनुसंधान संस्थान और बांग्लादेश के ईशुर्दी स्थित गन्ना अनुसंधान संस्थान। ऐसे में बिहार का पूसा विश्व का पांचवां अंतरराष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र होगा।
गन्ना किसानों को उन्नति की नई राह
ईख अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि इस संस्थान में गन्ना किसानों को उन्नत बीज, गुड़ निर्माण की आधुनिक तकनीक और नई शोधों की जानकारी दी जाएगी। इससे किसानों की लागत घटेगी और उपज में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
गन्ना किसानों के लिए पोर्टल और ऐप भी लॉन्च
बिहार सरकार ने गन्ना किसानों को सलाह और सहायता देने के लिए एक पोर्टल व मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है। गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने बताया कि यह ऐप किसानों को उन्नत खेती तकनीक, कीटनाशक के उपयोग, उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई और अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी जानकारियां देगा। साथ ही अलग-अलग महीनों में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी मार्गदर्शन करेगा।
राष्ट्रीय औसत से ऊपर उठाने का लक्ष्य
मंत्री पासवान ने कहा कि राज्य में गन्ना उत्पादन को राष्ट्रीय औसत से भी ऊपर ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि बिहार में गन्ने की औसत उपज फिलहाल 60.6 टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 79 टन प्रति हेक्टेयर है। बेहतर किस्मों और आधुनिक तकनीक के जरिए इसे 130 टन प्रति हेक्टेयर तक ले जाने की योजना है।
पुरानी चीनी मिलों को भी मिलेगा नया जीवन
उन्होंने कहा कि बिहार की 15 में से 8 चीनी मिलें लंबे समय से बंद हैं। अब इनकी संपत्ति बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) को सौंप दी गई है ताकि वहां नए उद्योग लगाए जा सकें। मंत्री ने बताया कि गुड़ इकाइयों के लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, जिससे किसानों और उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में अहम कदम
गन्ना अनुसंधान केंद्र और इस पूरी पहल को राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास मान रही है। जल्द ही बिहार के किसान भी विश्व स्तरीय गन्ना अनुसंधान का लाभ लेकर अपनी उपज बढ़ा सकेंगे और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।