Bihar Politics: नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की जन्मदिन पर इस नेता ने दे दी इतनी बड़ी सलाह! रिटायरमेंट को लेकर दे दिया बयान
Bihar Politics: नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को जन्मदिन की बधाई देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने नेतृत्व परिवर्तन की सलाह दी। क्या यह रिटायरमेंट का संकेत था? जानिए बिहार राजनीति में उठे तूफान की पूरी कहानी।

Bihar Politics: 9 जुलाई 2025 को नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के जन्मदिन पर उपेंद्र कुशवाहा ने जो बधाई संदेश सोशल मीडिया (X) पर साझा किया, उसने पूरे बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया। जहां एक ओर उन्होंने निशांत को ‘जेडीयू की नई उम्मीद’ बताया, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘वक्त की नजाकत’ समझने की सलाह भी दे डाली।
कुशवाहा ने अपने पोस्ट में कहा कि इस सच को स्वीकार करने की कृपा करें कि अब सरकार और पार्टी दोनों का संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है… देरी से अपूरणीय नुकसान हो सकता है। इस एक बयान ने सत्ता, संगठन और पारिवारिक विरासत तीनों को एक ही मंच पर ला खड़ा किया।
जेडीयू की प्रतिक्रिया और नाराज़गी
जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि यह उपेंद्र कुशवाहा की व्यक्तिगत राय है और पार्टी इस पर कोई ध्यान नहीं देती। वहीं मंत्री महेश्वर हजारी ने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार जहां खड़े हैं, वहीं मुख्यमंत्री हैं… रिटायरमेंट की सलाह पार्टी नहीं मानती। इस बयान से स्पष्ट है कि पार्टी फिलहाल नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही विश्वास जताती है और नेतृत्व परिवर्तन की कोई योजना नहीं है।
कार्यकर्ताओं की भावनात्मक प्रतिक्रिया
जेडीयू कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने जैसे मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि अभी दस साल और चाहिए! नीतीश कुमार के बाद अंधेरा है… जब तक हैं, तब तक उजाला है। यह दर्शाता है कि नीतीश कुमार का करिश्मा अभी भी पार्टी में कायम है और कार्यकर्ता उनके नेतृत्व को लेकर भावनात्मक रूप से जुड़े हैं।
राजनीति में एंट्री की चर्चाएं तेज
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को अब पार्टी का अगला चेहरा बताया जा रहा है। हालांकि निशांत अभी तक राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन कुशवाहा की पोस्ट में उन्हें “नई उम्मीद” बताया गया — जिससे यह संकेत मिला कि जेडीयू में पीढ़ीगत बदलाव की तैयारी शुरू हो चुकी है।
क्या यह परिवारवाद का संकेत है?
राजनीतिक गलियारों में यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या आईएएस का बेटा आईएएस, नेता का बेटा नेता की तर्ज पर निशांत कुमार को जेडीयू में लाने की तैयारी की जा रही है? पार्टी समर्थक इसे एक प्राकृतिक उत्तराधिकार की तरह देख रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे परिवारवादी राजनीति का विस्तार मान रहा है।