Bihar News : बिहार पुलिस की ओर से आयोजित पदक वितरण सह सम्मान समारोह में शामिल हुए डीजीपी, कहा समय पर केस का ट्रायल कराए पुलिस, जनता में बढ़ता है भरोसा
Bihar News : डीजीपी विनय कुमार बिहार पुलिस की ओर से आयोजित पदक वितरण सह सम्मान समारोह में शामिल हुए. जहाँ उन्होंने कहा की मुकदमों का ट्रायल समय पर कराना जरूरी है.....पढ़िए आगे
PATNA : राज्य में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने और अपराध पर नकेल कसने के लिए मुकदमों का ट्रायल समय पर कराना जरूरी है। समय पर केस का ट्रायल पूरा करवाकर दोषियों को सजा दिलाने से जनता के बीच पुलिस का भरोसा बढ़ता है। इसके प्रति सभी पुलिस कर्मियों को सजग रहने की जरूरत है। ये बातें डीजीपी विनय कुमार ने पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में बुधवार को कही। वे पुलिस कर्मियों के बीच पदक/प्रशस्ति पत्र वितरण सह सम्मान समारोह में सेवा के दौरान अदम्य साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को सम्मानित करने के बाद उन्हें संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर सेवा के दौरान शहीद हुए या किसी दुर्घटना या बीमारी से मृत हुए पुलिस कर्मियों के परिजनों को बीमा राशि भी मुहैया कराई गई। बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ पुलिस महकमा के हुए सैलरी पैकेज समझौते के अंतर्गत दुर्घटना बीमा समेत कई सुविधाएं उन्हें प्रदान की जाती हैं। डीजीपी ने कहा कि पुलिस बल अच्छा कार्य कर रही है। पूरी मुस्तैदी, सचेष्ट, क्रियाशील और सजग होकर कार्य करने का ही नतीजा है कि कई कांड़ों के अनुसंधान में पहले जहां एक से दो महीने का समय लगता था, अब इसमें कुछ दिन लग रहे हैं। कई मामलों का खुलासा 6 से 8 घंटे में हो जा रहा है। उन्होंने पुलिस कर्मियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि किसी मामले में मजबूती से गवाहों का बयान कराने और ठोस साक्ष्य जुटाने पर आरोपियों की सजा होना तय है।
डीजीपी कुमार ने हाल में घटित कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें पुलिस पदाधिकारियों की मुस्तैदी से जांच करने और आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करने के कारण ट्रायल समय पर संपन्न कराने में मदद मिली है। इससे आरोपियों को सख्त दिलाई जा सकी है। मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में मई में रेप के बाद हत्या के मामले में दोषी को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है। इसमें डिजिटल साक्ष्य के साथ डीएनए मिलान जैसे ठोस अनुसंधान कराए गए। इसी तरह कुछ समय पहले एक एएसआई की हत्या के आरोप में 18 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है। इन जैसी घटनाओं के साथ ही उन्होंने एक खास घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें एक बाहुबली को दो साल के अलावा तीन आरोपियों को तीन से चार वर्ष की सजा दिलाई गई है। कहा कि 33 साल बाद आर्म्स एक्ट से जुड़े इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। बीच में करीब 13 वर्ष तक यह मामला लटका हुआ था। फिर इसके लिए हाईकोर्ट में अलग से पहल की गई, तब यह अंजाम तक पहुंच पाया। हालांकि उन्होंने इस केस में शामिल तथाकथित बाहुबली के नाम का उल्लेख नहीं किया।
आईपीएस से लेकर सिपाही तक हुए सम्मानित
अपने सेवा के दौरान पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले या जान का बलिदान देने वाले 60 पदाधिकारियों को पदक और प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसमें बड़ी संख्या में वैसे पुलिस कर्मी भी शामिल थे, जिन्हें पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के मौके पर उल्लेखनीय सेवा के लिए सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही पिछले 3 वर्ष के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्रदान किए गए सराहनीय सेवा पदक पाने पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वीरता पदक पाने वालों में बगहा में 2020 में नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में उन्हें मार गिराने वाले दारोगा धर्मेंद्र पासवान, नवगछिया में अपराधियों को 18 किमी तक पीछा कर उन्हें मार गिराने वाले पराक्रमी शहीद इंस्पेक्टर आशीष कुमार सिंह, किशनगंज में डकैती की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर 4 डकैतों को गिरफ्तार करने और 1 को मार गिराने वाले साहसी एएसआई ज्योति कुमार समेत अन्य शामिल हैं। स्वर्गीय आशीष कुमार सिंह के साथ पदक पाने वालों में सिपाही बीजेंद्र कुमार, सिपाही रोहित कुमार, दुर्गेश कुमार यादव भी शामिल हैं।
विशिष्ट सेवा पदक- 25 वर्ष की सेवा निष्ठापूर्ण पूरा करने के लिए एडीजी (प्रशिक्षण) संजय कुमार सिंह और सीनियर डीएसपी राजेश कुमार शर्मा को यह पदक दिया गया। इन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके यह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
सरहानीय सेवा पदक- 2023 एवं 2024 में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के मौके पर यह पदक पाने वाले पदाधिकारियों को यहां सम्मानित किया गया। इसमें ईओयू के एसपी राजेश कुमार, एसपी अररिया अंजनी कुमार सिंह, एसपी लखीसराय अजय कुमार, छपरा एसपी संतोष कुमार, एसडीपीओ समस्तीपुर संजय कुमार पांडेय समेत अन्य शामिल हैं।
केंद्रीय दक्षता पदक – छपरा के तत्कालीन एसपी संतोष कुमार, पटना एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा और एसडीपीओ राकेश कुमार शामिल हैं। इसके अलावा पटना रेल आईजी पी कनन, दरभंगा सिटी एसपी अशोक कुमार चौधरी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों को अलग-अलग श्रेणी के पदकों से सम्मानित किया गया।